राजस्थान में एमपी जैसे हालात, डिप्टी सीएम और सीएम में खींचतान, होटल में गए 24 विधायक

Published : Jul 12, 2020, 10:23 AM ISTUpdated : Jul 12, 2020, 11:14 AM IST
राजस्थान में एमपी जैसे हालात, डिप्टी सीएम और सीएम में खींचतान, होटल में गए 24 विधायक

सार

राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर संकट गहराता नजर आ रहा है। वहां भी मध्य प्रदेश जैसी परिस्थिति बनती दिखाई दे रही है। शनिवार को सीएम गहलोत ने बीजेपी पर गिराने के आरोप लगाते हुए हमला किया था। बीजेपी का कहना था कि यह सारा मामला कांग्रेस के अपने भीतर का है।

नई दिल्ली. राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर संकट गहराता नजर आ रहा है। वहां भी मध्य प्रदेश जैसी परिस्थिति बनती दिखाई दे रही है। शनिवार को सीएम गहलोत ने बीजेपी पर गिराने के आरोप लगाते हुए हमला किया था। बीजेपी का कहना था कि यह सारा मामला कांग्रेस के अपने भीतर का है। शनिवार को राजस्थान का सियासी घटनाक्रम जिस तेजी से बदलता दिखाई दिया, उससे वहां मध्यप्रदेश का घटनाक्रम दोहराता दिख रहा है। 

सीएम-डिप्टी सीएम में खींचतान

वहां सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान की चर्चा तेज है। इन चर्चाओं को बल तब मिला, जब शुक्रवार से पायलट दिल्ली में हैं। इतना ही नहीं, शनिवार की रात हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के 24 विधायक एक बड़े होटल में पहुंचे। इसके साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट में सचिन पायलट समेत 15 विधायकों के होटल में ठहरे होने की खबर है। यह कुछ वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है, जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक तमाम विधायक पहले हरियाणा के गुड़गांव और फिर कर्नाटक में जाकर एक रिसोर्ट में ठहरे थे।

बीजेपी के संपर्क में हैं पायलट: रिपोर्ट

दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यंग ब्रिगेड के अहम सदस्य रहे पायलट और सिंधिया दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं। तमाम चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी है कि पायलट बीजेपी के संपर्क में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पार्टी की ओर से जब संपर्क करने की कोशिश की गई तो राजस्थान के कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ मिले। पता चला है कि कांग्रेस महासचिव एवं राज्य के प्रभारी अविनाश पांडे भी शनिवार को जयपुर पहुंचे।

गहलोत ने देर रात बुलाई मंत्रियों की बैठक

तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सीएम अशोक गहलोत ने देर रात अपने मंत्रियों की एक बैठक बुलाई। इसमें पायलट और उनके तमाम समर्थक मंत्री शामिल नहीं हुए। पायलट को लेकर कहा जा रहा है कि दिल्ली में होने के चलते वह उस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर पार्टी द्वारा उन्हें सीएम ना बनाए जाने पर पहले से ही नाराजगी चल रही है।

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