देश में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों और राज्यों की बदइंतजामी पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। चेन ब्रेक करने के लिए लाॅकडाउन के फैसले को केंद्र पर थोपने से ट्वीटर पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग राज्यों पर नाराजगी जता रहे हैं और कांग्रेस शासित प्रदेशों को ट्रोल कर रहे।
नई दिल्ली। देश में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों और राज्यों की बदइंतजामी पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। चेन ब्रेक करने के लिए लाॅकडाउन के फैसले को केंद्र पर थोपने से ट्वीटर पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग राज्यों पर नाराजगी जता रहे हैं और कांग्रेस शासित प्रदेशों को ट्रोल कर रहे।
पिछली बार जब केंद्र ने लाॅकडाउन किया तो राज्यों को थी आपत्ति
2020 में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने संपूर्ण लाॅकडाउन लगा दिया था। लाॅकडाउन में बड़े पैमाने पर पलायन शुरू हो गया था। लाॅकडाउन के फैसले पर कांग्रेस शासित प्रदेशों ने राजनीतिक माइलेज के लिए मोदी सरकार की आलोचना शुरू कर दी थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांग की थी कि राज्यों को लाॅकडाउन पर निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।
अब गहलोत कह रहे केंद्र को लेना चाहिए निर्णय
कोरोना की दूसरी लहर काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। राजस्थान में अभी तक 3109 मौतें कोरोना की वजह से हो चुकी हैं। वहां संक्रमण दर 14.08 प्रतिशत है। अब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह कह रहे हैं कि केंद्र की मोदी सरकार को अविलंब निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया है कि कोरोना के कारण देश में बन चुके नाजुक हालातों पर अविलंब फैसले लेने के लिए पीएम मोदी को जल्द से जल्द राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनाई जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर हो रहे ट्रोल
सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दोनों ट्वीट्स को शेयर कर उनको ट्रोल किया जा रहा है। लोग राजस्थान सरकार के साथ साथ दिल्ली सरकार की आलोचना कर रहे हैं। कई सारे ट्वीटर हैंडल से कांग्रेस की सरकारों को जमकर कोसा जा रहा है।