राजस्थान: सियासी ड्रामे के बीच गहलोत ने विधायकों को लिखा पत्र, बोले- सत्य का साथ दें, लोकतंत्र को बचाएं

14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायकों को एक पत्र लिखा है। 3 पन्नों के इस पत्र में उन्होंने विधायकों से सच के साथ खड़े रहने की अपील की है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 9, 2020 11:01 AM IST

जयपुर. 14 अगस्त से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी विधायकों को एक पत्र लिखा है। 3 पन्नों के इस पत्र में उन्होंने विधायकों से सच के साथ खड़े रहने की अपील की है। साथ ही गहलोत ने विधायकों से कहा कि वे लोकतंत्र को बचाएं, जनता के भरोसे को बनाए रखें और गलत परंपरा से बचें। सचिन पायलट के नाराज होने के बाद गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट कर दिया है। इससे पहले सभी विधायक जयपुर के एक होटल में ठहरे थे।

शनिवार को भेजे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस और उनकी सरकार को गिराने का प्रयास के बारे में लिखा। गहलोत के इस पत्र में साफ नजर आता है कि कैसे गहलोत ने सचिन पायलट द्वरा उनकी सरकार को नुकसान पहुंचाने का जिक्र किया है।  

गहलोत बोले- पूर्व प्रधानमंत्रियों से लें प्रेरणा
गहलोत ने अपने पत्र में लिखा,  पूर्व के कई प्रधानमंत्रियों जैसे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेई को भी चुनाव के दौरान हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्होंने लोकतंत्र की संस्था को कमजोर नहीं होने दिया। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि लोकतंत्र को बचाने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदाता हम पर भरोसा करते रहें। जरुरी है हमारे द्वारा गलत मिसाल कायम नहीं की जाए। आप सभी को लोगों की आवाज को सुनना चाहिए। संसद के सदस्यों की भावनाओं का और मतदाताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए जनता द्वारा चुनी गई सरकार के प्रयासों को अपनी पूरी ताकत के साथ जारी रखें। उन्होंने आगे लिखा, ''मुझे विश्वास है कि आप सभी सच्चाई के साथ खड़े होंगे और जनता से किए गए वादों को पूरा करने में योगदान देंगे।''

महामारी और अनुभव का दिया हवाला
गहलोत बोले, ''विश्व भर में चल रही इस महामारी के बीच हम सभी को कोरोनावायरस से लड़ने के लिए चिंतित होना चाहिए। जीवन, अर्थव्यवस्था, नौकरियों पर काम करना चाहिए। राज्य सरकार इस पर दिन-रात काम कर रही है। ऐसे समय में हमारे कुछ सहयोगी और विपक्षी नेता हमारे खिलाफ विश्वासघात करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।''

उन्होंने लिखा, 1993 और 1996 के बीच भैरों सिंह शेखावत सरकार को गिराने के लिए इस तरह के सौदा करने के लिए इसी तरह के प्रयास किए गए थे उन्होंने खास तौर पर उल्लेख किया। चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। मतदाता यह कभी नहीं मानेंगें। उन्होंने कहा, जीत और हार सभी लोकतंत्र में चुनाव का हिस्सा है। लेकिन लोगों का जनादेश सबसे महत्वपूर्ण है।

आज मुख्यमंत्री गहलोत ने किया ट्वीट 
हमारी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए है यह जारी रहेगी, हम जीतेंगे, सत्य की जीत होगी, लोग जीतेंगे सभी विधायक जीतेंगे चाहे वे सत्ता पक्ष के हो या विपक्ष के.. जीतेंगे... वह नहीं जीतेंगे जो सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं।

विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं गहलोत
राजस्थान में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच चले गतिरोध के बाद अब 14 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाया गया है। गहलोत इस सत्र में विश्वास मत रखने और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। अगर वे जीत जाते हैं तो उन्हें 6 महीने तक चुनौती नहीं दी जा सकती। अशोक गहलोत का दावा है कि उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत से ऊपर है। भाजपा के 72 विधायक हैं। संकट के बीच दोनों दल अपने विधायकों की रखवाली कर रहे हैं।

भाजपा ने शिफ्ट किए अपने विधायक
इससे पहले शनिवार को राजस्थान में भाजपा ने अपने 6 विधायकों को सत्र से पहले गुजरात के पोरबंदर में शिफ्ट कर दिया। वहीं, सचिन पायलट के बागी होने के बाद पिछले महीने उप मुख्यमंत्री के पद से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। उनके कैंप में 19 विधायक हरियाणा स्थित एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं।

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