अपराधियों के लिए रो रहे हैं लेकिन 11 साल की गर्भवती लड़कियों को कौन देगा इंसाफ...असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विवाह पर पेश किया आंकड़ा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले महीने असम में बाल विवाह के खिलाफ विवादास्पद कार्रवाई सांप्रदायिक नहीं थी। मुसलमानों और हिंदुओं के लगभग बराबर अनुपात को गिरफ्तार किया गया था।

Dheerendra Gopal | Published : Mar 16, 2023 10:28 AM IST

Child marriage data: असम में बाल विवाह कानून के तहत गिरफ्तारियां सांप्रदायिक रंग लेती जा रही हैं। आरोप है कि हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने मुस्लिम समाज को डराने और वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बाल विवाह करने वालों पर कार्रवाईयां शुरू कराई। हजारों मुस्लिमों की गिरफ्तारियां कराई गई हैं। हालांकि, हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी सरकार का बचाव किया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने डेटा पेश कर बताया कि गिरफ्तार लोगों में हिंदू-मुसलमान का रेशियो 55:45 का है।

क्या कहा है मुख्यमंत्री ने?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पिछले महीने असम में बाल विवाह के खिलाफ विवादास्पद कार्रवाई सांप्रदायिक नहीं थी। मुसलमानों और हिंदुओं के लगभग बराबर अनुपात को गिरफ्तार किया गया था। वह राज्य के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई हर छह महीने में होगी। राज्य सरकार का लक्ष्य 2026 तक बाल विवाह को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि 3 फरवरी की कार्रवाई के बाद से मुसलमानों और हिंदुओं की गिरफ्तारी का अनुपात 55:45 है।

अपराधियों के लिए रो रहे लेकिन 11 साल की गर्भवती लड़कियों के लिए नहीं...

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग 'अपराधियों के लिए रो रहे हैं' लेकिन 11 साल की लड़कियों के गर्भवती होने के लिए नहीं रो रहे हैं। एनएफएचएस 5 (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) के आंकड़ों से पता चलता है कि समस्या धुबरी और दक्षिण सलमारा (मुस्लिम बहुल जिले) में सबसे ज्यादा है। लेकिन आप हर एक चीज को सांप्रदायिक बना देते हैं। एनएफएचएस 4 के आंकड़ों को कांग्रेस के समय के दौरान समेटे जाने से यह भी पता चलता है कि असम के निचले जिलों (जहां मुस्लिम आबादी अधिक है) में कम उम्र में सबसे ज्यादा शादियां और बच्चे पैदा किए जाते हैं।

लोग आतंकित हैं...

विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 (पीसीएमए) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो) लागू करने का विरोध किया है। कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि असम सरकार दो अधिनियमों का उपयोग करके लोगों को आतंकित कर रही है। विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि बाल विवाह के आरोपियों पर पोक्सो और बलात्कार के मामलों ने समाज में गड़बड़ी पैदा कर दी है और कई बूढ़े लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पेश किया आंकड़ा...

निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के एक प्रश्न के जवाब में असम के मुख्यमंत्री ने विधानसभा को सूचित किया कि अप्रैल 2021 से फरवरी 2023 तक राज्य में बाल विवाह की 4,111 घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि 7,142 अभियुक्तों के नाम पर कुल 4,670 मामले दर्ज किए गए हैं। पहले से ही 3,483 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से 1,182 जेल में हैं, 2,253 को जमानत मिली है और 48 अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं।

 

Share this article
click me!