पकड़ी गई नकली नोट छापने वाली प्रिंटिंग मशीन, आपको कहीं कुछ गड़बड़ दिखे, तो पुलिस को बताएं

सितंबर, 2020 में पुणे में यूट्यूब पर नकली नोट छापने का तरीका देखकर लालच में आए एक भाई-बहन का मामला मीडिया में काफी उछला था। अब ऐसा ही अपराध असम में पकड़ा गया है। यहां पुलिस ने नकली नोट छापने के प्रिंटर सहित 20 लाख के जाली नोट पकड़े हैं। 

गुवाहाटी. गुवाहाटी में मंगलवार(6 सितंबर) को नगांव पुलिस की टीम ने नकली नोटFake currency)  के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। नगांव पुलिस ने एक इनपुट के आधार पर गिरोह के ठिकानों पर दबिश देकर नकली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) का एक बड़ा भंडार बरामद किया। पुलिस की एक टीम ने इनपुट के आधार पर गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने प्रिंटिंग मशीनों के साथ 20 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। छापेमारी में एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मोफिजुल इस्लाम, सद्दीकुल इस्लाम, सद्दीकुल इस्लाम और रीमा बैश्य के रूप में हुई है।

सीमापार से चल रह है नकली नोटो का कारोबार
नकली नोट देश के कुछ हिस्सों में एक प्रमुख चिंता का विषय रहे हैं। अक्सर, ऐसे अपराधों से जुड़े गिरोहों के सीमा-पार संबंध होते हैं। नागांव पुलिस स्टेशनक के प्रभारी अधिकारी  मनोज राजबोंग ने कहा-हमने पूछताछ के बाद गुवाहाटी के एक घर में छापा मारा, जहां से हमने कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। हमने फर्जी नोट बनाने वाली 2 मशीन, नोट का एक बंडल जब्त किया है।

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पहले भी पकड़े जाते रहे हैं नकली नोट
1.
कुछ दिन पहले असम पुलिस ने दरांग जिले के मंगलदोई के लेंगरीपारा इलाके में देर रात छापेमारी कर जाली नोट रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने मंगलदोई के लेंगरीपारा इलाके में किराए के मकान में छापेमारी कर जाली नोट रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने मामले में तीन महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों की पहचान जमां हुसैन, अनवर हुसैन, सैयद हुसैन, रिजुमा हुसैन, जोबा दास और प्रिया राय के रूप में हुई थी। गिरफ्तार व्यक्तियों के कब्जे से लाखों की नकली भारतीय मुद्रा बरामद की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक नोट बनाने की मशीन भी बरामद की है। बताया जा रहा है कि छत समेत घर में कई जगह नकली नोट छिपाए गए थे। आरोप यह भी है कि गिरफ्तार किए गए लोग वेश्यावृत्ति रैकेट में भी शामिल रहे हैं।

2. यह मामला अक्टूबर, 2020 का है। पुलिस ने दरांग जिले के धुला थाना क्षेत्र के फकीरपारा इलाके से एक कुख्यात फेक इंडियन करेंसी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 500 रुपये के छह सौ नकली नोट भी बरामद हुए थे। दोनों की पहचान जाकिर हुसैन और अब्दुल कुद्दुस के रूप में हुई थी। ये दलगांव थाना क्षेत्र के बोरझार गांव के रहने वाले हैं।

3. जून, 2021 को दरंग पुलिस ने नकली भारतीय मुद्रा रैकेट का भंडाफोड़ किया करके पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। मंगलदाई थाने के बांदिया चापोरी और खारुपेटिया थाने के बरोईपारा में दो अलग-अलग अभियानों के दौरान पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से खारुपेतिया थाने की एक पुलिस टीम ने 500 रुपये मूल्य के 17,500 रुपये के नकली भारतीय नोट, 13,410 रुपये के असली भारतीय नोट, एक प्रिंटर और कोरे कागजों का एक बंडल जब्त किया था। आरोपियों की पहचान 22 वर्षीय अली हुसैन, 24 वर्षीय अमीरुल इस्लाम, 19 वर्षीय रूहुल अली, 21 वर्षीय इनामुल हकऔर 22 वर्षीय सद्दाम के रूप में हुई थी। 

4. नवंबर, 2018 में लखीमपुर जिले के बोंगलमोरा इलाके में छापा मारकर पुलिस नकली नोट छापने में इस्तेमाल एक प्रिंटिंग मशीन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। एक गुप्त सूचना के बाद बोंगलमोरा पुलिस चौकी के प्रभारी निरीक्षक जॉन पाथोरी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने बोंगलमोरा के फतेहपुर में एक घर में छापेमारी की थी। पुलिस ने 25 वर्षीय महीकुल इस्लाम और 22 वर्षीय बिलाल हुसैन को एक प्रिंटिंग मशीन के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों के पास से पुलिस ने 500 रुपए के पांच जाली नोट और 2000 रुपए के नोट का एक बंडल भी बरामद किया था।

नकली सोना भी पकड़ा गया
एक अन्य मामले में पुलिस ने नकली सोने के 18 टुकड़े जब्त किए हैं। आगे की कार्रवाई जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह लोग नकली सोने को एक खाली जगह में जमीन के अंदर दबा देते थे। जब कोई ग्राहक फंसता था, तो उसको देकर चले जाते थे। इस मामले में भी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

यह मामला मीडिया की सुर्खियों में था-बंद कमरे में यूट्यूब देखा करते थे ये भाई-बहन
यह मामला सितंबर, 2020 में महाराष्ट्र के पुणे में सामने आया था। भाई-बहन बंद कमरे मे यूट्यूट देखकर जाली नोट बनाने की तरीका सीख रहे थे। RBI के अनुसार, 2016 में नोटबंदी(Demonetisation) के बाद नकली नोटों पर लगाम लगी थी, लेकिन फिर से फेक करेंसी(Fake currency) तेजी से मार्केट में फैली है। क्लिक करके पढ़ें ये स्टोरी

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