कैलाश कुंड में 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित प्राचीन वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़, मैग्नेटिक बम बना बड़ा खतरा

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़(Attack on Vasuki Nag Temple) का मामला सामने आया है। भदरवाह में बने इस मंदिर में रविवार रात उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। सोमवार सुबह जब यह मामला सामने आया, तो लोगों में आक्रोश फैल गया। गैर कश्मीरियों को घाटी से भगाने आतंकवादी संगठन और उपद्रवी ऐसी हरकतें कर रहे हैं।

Amitabh Budholiya | Published : Jun 6, 2022 6:08 AM IST / Updated: Jun 06 2022, 12:17 PM IST

श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में हिंदुओं को भगाने आतंकवादी संगठन और उनके सपोर्टर्स फिर से मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर वासुकी नाग मंदिर में तोड़फोड़(Attack on Vasuki Nag Temple) का मामला सामने आया है। भदरवाह में बने इस मंदिर में रविवार रात उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। सोमवार सुबह जब यह मामला सामने आया, तो लोगों में आक्रोश फैल गया। गैर कश्मीरियों को घाटी से भगाने आतंकवादी संगठन और उपद्रवी ऐसी हरकतें कर रहे हैं। जम्मू में पिछले कई दिनों से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने की खबर है। भदरवाह को भद्रकाशी के नाम से भी पुकारा जाता है। सोमवार सुबह पुजारी के पहुंचने पर घटना का पता चला। जब यह खबर फैली, तो लोग आक्रोशित हो उठे। जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य विक्रमादित्य सिंह ने tweet किया-वासुकी नाग जी मंदिर कैलाश कुंड में13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट स्थानीय हिंदू समितियों के साथ वार्षिक कैलाश यात्रा को मंदिर तक ले जाता है। मैं जनता से संयम बरतने और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं।

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पत्थर फेंककर मूर्तियां तोड़ी गईं
वासुकी नाग मंदिर पर हमले के बाद हिंदू संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। माना जा रहा है कि तोड़फोड़ रविवार रात या सोमवार तड़के की गई होगी। जब सुबह पुजारी मंदिर पहुंचा, तो देखा कि मंदिर के दरवाजे, खिड़कियां टूटे पड़े थे। मंदिर के अंदर मूर्तियों पर भी पत्थर फेंके गए थे। इसके बाद पुजारी ने इलाके के लोगों और पुलिस को इस बारे में बताया। हादसे की जानकारी लगते ही वहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए।

sticky bombs एक नया खतरा
अमरनाथ यात्रा नजदीक आने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल sticky bombs रखने वाले आतंकवादी ग्रुपों से चिंतित हैं। ये विस्फोटक व्हीकल्स से चिपका दिया जाता है और फिर दूर से विस्फोट किया जा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों और उनके सपोर्टर्स से पूछताछ और अन्य सबूतों के बाद सुरक्षा बलों ने स्टिकी बम बरामद किए हैं। पिछले दिनों पाकिस्तान से उड़ान भरने वाले एक ड्रोन में तकनीकी खराबी आ गई थी। उसे कठुआ में पकड़ा गया था। सुरक्षाबालों को उस जगह से सात मैग्नेटिक बम या "स्टिकी बम" सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था। बता दें कि 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में स्थित गुफा मंदिर की तीर्थ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों के भाग लेने की संभावना है। यह11 अगस्त को खत्म होगी। IGP जम्मू-कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि सुरक्षा बल खतरे से निपट रहे हैं। पिछले साल फरवरी में जम्मू क्षेत्र के सांबा से कश्मीर में स्टिकी बम बरामद किए गए, जो कश्मीर में आतंकवाद के एक नए फेज की शुरुआत का संकेत देता है। इन बमों का इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक में बड़े पैमाने पर किया जाता है भारत में इसका इस्तेमाल संदिग्ध ईरानी आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने फरवरी 2012 में एक इजरायली राजनयिक के वाहन को निशाना बनाया था। इस हमले में उनकी पत्नी घायल हुई थीं।अधिकारियों ने कहा कि स्टिकी बम, जिनका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा भी किया गया था, को किसी भी वाहन पर रखा जा सकता है और रिमोट कंट्रोल या इन-बिल्ट टाइमर के माध्यम से विस्फोट किया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पिछले महीने जम्मू के कटरा में एक यात्री बस में हुए रहस्यमय विस्फोट की जांच कर रही है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।

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