अयोध्या विवादः सीजेआई ने पूछा- सुरक्षा को लेकर केंद्र- राज्य का संबंध कैसा है

सीजेआई ने यूपी के डीजीपी व मुख्य सचिव को किया तलब। संभावित फैसले से पहले  तैयारियों को लेकर यह मुलाकात में चर्चा की जा सकती है। 

नई दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाये जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। अयोध्या प्रकरण पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अगले सप्ताह अपना फैसला सुनायेगी। सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश के कक्ष में करीब एक घंटे दोनों शीर्ष अधिकारियों संग यह बैठक चली। बैठक में उप्र के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये किये गये बंदोबस्त और तैयारियों के बारे में प्रधान न्यायाधीश को जानकारी दी।

40 दिनों तक सुनी गईं दलीलें 

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी। पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। इस मामले में फैसला अगले सप्ताह सुनाए जाने की संभावना है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

दोनों अधिकारियों को किया था तलब 

सीजेआई रंजन गोगोई ने यूपी के दोनों अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था । जिसके बाद दोनों अधिकारी आनन-फानन में सीजेआई से मिलने पहुंचे। कयास लगाए जा रहा था कि अयोध्या पर संभावित फैसले से पहले की गई तैयारियों को लेकर इस मुलाकात में चर्चा की जा सकती है। जिसके बाद दोनों अधिकारी सीजेआई के आदेश पर कोर्ट पहुंच गए हैं। जहां सुरक्षा स्थितियों को लेकर दोनों अधिकारियों से चर्चा होगी।

जारी किया गया है अलर्ट 

अयोध्या विवाद पर फैसला अब तब की स्ठिति में है। सुनवाई पूरी हो चुकी है कोर्ट इस मामले में कभी भी अपना निर्णय सुना सकती है। इससे पहले गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है। वहीं, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही 40 कंपनी अर्धसैनिक बलों की कंपनियां राज्य में उतारी गईं है। 

योगी ने की समीक्षा

सुनवाई की तारिखों के नजदीक आने के साथ ही सभी की धड़कने बढ़ गई है। वहीं, राज्य में सुरक्षा हालातों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों संग समीक्षा की है। जिसमें उन्होंने प्रदेश भर के अधिकारियों से चर्चा की । साथ ही उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। 

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