अब्दुल कलाम एयरफोर्स की परीक्षा में फेल हो गए थे, लेकिन यहीं से उनकी जिंदगी की नई जंग शुरू हो गई

भारत के मिसाइल मैन के नाम से मशहूर वैज्ञानिक और देश के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है। विश्व में अपने नाम का लोहा मनवाने वाले कलाम रामेश्वरम के एक गरीब मछुआरे परिवार में जन्में थे। आसमान की बुलंदिया छूने के बाद भी उसके पैर जमीन पर ही रहे। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 15, 2019 6:56 AM IST / Updated: Oct 15 2019, 12:41 PM IST

नई दिल्ली. भारत के मिसाइल मैन के नाम से मशहूर वैज्ञानिक और देश के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है। विश्व में अपने नाम का लोहा मनवाने वाले कलाम रामेश्वरम के एक गरीब मछुआरे परिवार में जन्में थे। आसमान की बुलंदिया छूने के बाद भी उसके पैर जमीन पर ही रहे। उनकी सादगी के लोग कायल रहे। वो सही मायने में भारत के सच्चे सपूत थे। वो एक ऐसे वैज्ञानिक थे जो बचपन से ही आभावों में पले हैं। लेकिन अपनी प्रतिभाओं के दम पर उन्होंने आसमान की बुलंदियों को छू लिया।

मेरे तीन बेटे हैं- कलाम
दुनिया भर में भारत के मिसाइल मैन के नाम से फेमस एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम शहरमें हुआ था। एक मछुआरे के घर में पैदा हुए कलाम का बचपन काफी सीमित संसाधनों में बीता। लेकिन उन्होंने बचपन से ही कुछ करने का हौसला पाल रखा था। एक बार एक रिपोर्टर ने उनसे उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में पूछा था तो रिपोर्टर कलाम के बयान से स्तब्ध थे। कलाम ने सामने से सवाल करते हुए पूछा, 'आप मेरे तीनों बेटों को नहीं जानते? वे 'पृथ्वी', 'अग्नि' और 'ब्रह्मोस' हैं।

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कलाम ने घर- घर बांटे अखबार
अब्दुल कलाम ने बचपन में अपनी पढ़ाई का खर्च पूरा करने के लिए घर-घर में अखबार बांटना शुरू किया। वो स्कूल के बाद अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए अखबार बांटा करते थे। कलाम साहब मेहनती और प्रतिभाशाली छात्र थे। उनके पसंदीदा विषय गणित और भौतिकी थे। उनका सपना था कि वो इंडियन एयरफोर्स में जाएं। इसलिए उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कलाम इंडियन एयरफोर्स की परीक्षा में बैठे थे। इंडियन एयरफोर्स की परीक्षा में उन्हें मिलाकर कुल 25 उम्मीदवार थे। इसमें से सिर्फ 8 उम्मीदवारों का चयन होना था। कलाम नौवें स्थान पर रहे और उनका इंडियन एयरफोर्स में जाने का सपना टूट गया।

कलाम साहब ने मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरनॉटिकल साइंस की पढ़ाई की थी। जब वो इंडियन एयरफोर्स में जाने से नाकाम रहे तो उन्होंने 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो में नौकरी की थी। उनके नेतृत्व में ही भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी पीएसएवी -3 बनाया। 1980 में इसी यान से पहला उपग्रह रोहिणी अंतरिक्ष में स्थापित किया गया।

2002 में चुने गए थे राष्ट्रपति
बता दें कि एपीजे अब्दुल कलाम साल 1992 से लेकर 1999 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे। इसी दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। इस परमाणु परीक्षण में अब्दुल कलाम की अहम भूमिका थी। उसके बाद साल 2002 में उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। 

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