ममता के बाद अब EC ने इस BJP नेता के चुनाव प्रचार पर लगाई रोक, कूचबिहार हिंसा को लेकर दिया था बयान

Published : Apr 13, 2021, 05:27 PM IST
ममता के बाद अब EC ने इस BJP नेता के चुनाव प्रचार पर लगाई रोक, कूचबिहार हिंसा को लेकर दिया था बयान

सार

प बंगाल में चुनाव आयोग ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, EC ने कूचबिहार हिंसा पर दिए बयान को लेकर भाजपा नेता राहुल सिन्हा के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे तक रोक लगाने का फैसला किया था। ममता ने मंगलवार को इस फैसले के खिलाफ धरना भी दिया। 

नई दिल्ली. प बंगाल में चुनाव आयोग ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, EC ने कूचबिहार हिंसा पर दिए बयान को लेकर भाजपा नेता राहुल सिन्हा के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे तक रोक लगाने का फैसला किया था। ममता ने मंगलवार को इस फैसले के खिलाफ धरना भी दिया। 

चुनाव आयोग ने कहा, सिन्हा का बयान उकसाने वाला, मानव जीवन के प्रति अपमानित है। यह बयान लोगों को कानून व्यवस्था हाथ में लेने के लिए उकसा सकता है। इसलिए यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हैं। यह पहला मौका है, जब चुनाव आयोग ने किसी व्यक्ति का पक्ष सुने बिना इस तरह का फैसला लिया हो। चुनाव आयोग ने इस मामले पर अपने फैसले को देते हुए अर्जेंसी ऑफ द मैटर करार दिया।

क्या कहा था राहुल सिन्हा ने?
बंगाल में चौथे चरण के लिए मतदान के दौरान कूचबिहार के सीतलकुची में हिंसा हुई थी। इसमें चार लोग मारे गए थे। इस हिंसा को लेकर हावड़ा में प्रचार के दौरान सिन्हा ने कहा था, सीतलकुची में चार नहीं आठ लोगों को गोली मारनी चाहिए थी। उन्होंने कहा था कि सुरक्षाबलों को नोटिस जारी करना चाहिए, कि उन्होंने सिर्फ चार को क्यों मारा, आठ को क्यों नहीं। गुंडे लोकतांत्रिक अधिकारों से लोगों को वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय बलों ने उचित जवाब दिया। यदि ऐसा फिर होगा, उन्हें ऐसा ही जवाब मिलेगा। 

ममता के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए लगी रोक
इससे पहले चुनाव आयोग ने सोमवार को ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे का बैन कर दिया। चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई, ममता बनर्जी के एक हिन्दू-मुस्लिम बयान पर की है। दरअसल, ममता पर हुगली में रैली के दौरान सांप्रदायिक आधार पर वोट मांगने का आरोप लगा था। 

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