बेंगलुरू में जी20 मीट के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (MoS Rajeev Chandrasekhar) ने कहा कि भारत अब इनोवेशंस और स्टार्टअप्स के ग्लोबल चैंपियन के तौर पर देखा जाता है।
Rajeev Chandrasekhar Statement. बेंगलुरू में जी20 डिजिटल इनोवेशन अलायंस ग्लोबल समिट के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत को अब इनोवेशन और स्टार्टअप्स के ग्लोबल चैंपियन के तौर पर देखा जाता है। केंद्रीय मंत्री ने भारत की स्टार्टअप क्षमता, ओपन सोर्स डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन इको सिस्टम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इनोवेशंस में भारत की भूमिका को स्वीकार किया गया है। समिट के दौरान 29 देशों के स्टार्टअप्स शामिल रहे। इस दौरान डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप के बुनियादी ढांचे, सिक्योरिटी और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया गया।
कोविड के बाद दुनिया की 5वीं अर्थव्यवस्था बना भारत
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कोविड महामारी से बाहर आने के बाद भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरा है। इसकी वजह से ग्लोबल मंचों पर भारत की उपस्थिति को मजबूत पहचान मिली है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि डिजिटल इकोनॉमी और इनोवेशंस के सेक्टर में भारत ने शानदार प्रगति की है। भारत डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप जी20 का हिस्सा है और इसकी अब तक 3 बैठकें हो चुकी हैं। यह चौथी बैठक बेंगलुरू में हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने भारत के डिजिटल भविष्य को लेकर पीएम मोदी के दृष्टिकोण को भी सामने रखा।
कैसे भारत इनोवेशन-स्टार्टअप्स का ग्लोबल चैंपियन
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज दुनिया भर से 120 स्टार्टअप अपने इनोवेशंस के लिए वैश्विक पहचान बना चुके हैं। इसमें भारत की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है और यही वजह है कि भारत को स्टार्टअप्स के ग्लोबल चैंपियन के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम बेहद रोमांचक दौर में है। पीएम मोदी भी इसे टेकेड या प्रोद्योगिकी अवसरों का दशक करार दे चुके हैं। उन्होंने पहले ही कहा था कि इंडिया टेकेड को पूरे देश में युवाओं की रचनात्मकता, संकल्प और ऊर्जा से सक्रिय किया जाएगा।
मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम-राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के डिजिटल परिवर्तन का लाजवाब उदाहरण है। उन्होंने पहले के समय का उदाहरण देते हुए कहा कि तब सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले 100 रुपए में से केवल 15 रुपये ही वास्तविक लाभार्थी तक पहुंचता था। बाकी 85 रुपये बिचौलियों के हिस्से आ जाता था। लेकिन अब पूरी की पूरी राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सब डिजिटल क्रांति की वजह से ही संभव हो पाया है और पैसा सीधे लोगों के पास ही पहुंचता है।
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