दुश्मन की जासूसी हो या हमला, इन ड्रोनों का इस्तेमाल करती है भारतीय सेना

रक्षा ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ड्रोन ने बड़ा परिवर्तन लाया है। भारतीय सेना भी बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। ड्रोन का अधिकतर इस्तेमाल निगरानी रखने और जानकारी जुटाने जैसे काम में हो रहा है।

नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत ड्रोन महोत्सव 2022 (Bharat Drone Mahotsav) का आज उद्घाटन हुआ। इसमें तरह के ड्रोन की प्रदर्शनी लगाई गई है। ड्रोन का इस्तेमाल आज काफी व्यापक हो गया है। फसल पर दवाएं और कीटनाशक का छिड़काव करने से लेकर शादियों में तस्वीरें लेने और उपद्रव के दौरान लोगों पर नजर रखने तक के काम में इसका इस्तेमाल हो रहा है। 

इन सबके बीच रक्षा ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ड्रोन ने बड़ा परिवर्तन लाया है। रूस और यूक्रेन के बीच हो रही जंग में यह बात साबित हुई कि कैसे ड्रोन की मदद से युद्ध का रुख मोड़ा जा सकता है। यूक्रेन की सेना ने ड्रोन की मदद से रूस के टैंकों के बड़े-बड़े काफिले को नष्ट कर दिया। इसके चलते यूक्रेन के कई गुणा अधिक सैन्य ताकत रखने के बाद भी रूस को जंग में मनचाही बढ़त नहीं मिल पाई। 

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भारतीय सेना भी बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। ड्रोन का अधिकतर इस्तेमाल निगरानी रखने और जानकारी जुटाने जैसे काम में हो रहा है। इसके साथ ही सेना के पास हमला करने में सक्षम ड्रोन भी मौजूद हैं। आइए जानते हैं भारतीय सेना के ड्रोन के बारे में खास बातें...

सर्चर UAV
सर्चर यूएवी (Unmanned Aerial Vehicle) को इजरायल के IAI (Israel Aerospace Industries) द्वारा विकसित किया गया है। भारतीय सेना इसके अपग्रेड वर्जन सर्चर मार्क टू को ऑपरेट करती है। आर्टिलरी रेजीमेंट इस यूएवी को सर्विलांस यूनिट के तहत संचालित करती है। इसका वजन 500 किलो है। यह 70 किलोग्राम वजनी सामान लेकर उड़ सकता है। इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रतिघंटा है। 6 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ने वाला यह ड्रोन एक बार में 18 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 

हेरॉन यूएवी
हेरॉन यूएवी को भी इजरायल से खरीदा गया है। लंबे समय तक हवा में रहकर यह निगरानी करता है। इसे भारतीय वायु सेना द्वारा ऑपरेट किया जाता है। इसका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी करने और खोज व बचाव कार्यों के लिए किया जाता है। 1150 किलोग्राम वजनी यह ड्रोन 250 किलोग्राम वजनी सामान लेकर उड़ सकता है। इसकी टॉप स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघंटा है। 10 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने वाला यह ड्रोन 50 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है।

नेत्रा क्वाडकॉप्टर
नेत्रा क्वाडकॉप्टर छोटा और हल्के वजन का यूएवी है। इसे डीआरडीओ और आइडियाफोर्ज द्वारा विकसित किया गया है। इसका इस्तेमाल निगरानी और टोही मिशन के लिए किया जाता है। 1.5 किलोग्राम वजनी यह ड्रोन 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसका रेंज 2.5 किलोमीटर है। 300 मीटर की ऊंचाई तक जाने वाला यह ड्रोन 30 मिनट तक उड़ान भर सकता है।

डीआरडीओ लक्ष्य
डीआरडीओ लक्ष्य को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने विकसित किया है। इस यूएवी को निगरानी और टोही मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मिसाइल के टेस्ट के समय इसका इस्तेमाल टारगेट के रूप में भी होता है। 700 किलोग्राम वजनी यह ड्रोन 850 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। 9 हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ने वाले इस ड्रोन का रेंज 150 किलोमीटर है। 

यह भी पढ़ें- ड्रोन महोत्सव में बाेले मोदी-पहले अनाज-कैरोसीन के लिए घंटों लाइन लगानी होती थीं, टेक्नोलॉजी ने ये डर मिटाया

हार्पी लोइटरिंग मुनिशन
हार्पी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित एक लोइटरिंग मुनिशन है। इस प्रकार के ड्रोन दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करने के लिए यूज किए जाते हैं। भारी विस्फोटक लेकर उड़ान भरने वाला यह ड्रोन टारगेट पर हमला करता है। इसे सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है। 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ने वाले इस ड्रोन का रेंज 500 किलोमीटर है। यह 2 घंटे तक उड़ान भर सकता है।

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