BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान, कहा- CAA लागू करने के लिए स्टेट के सहयोग की जरूरत नहीं; केंद्र सक्षम

पश्चिम बंगाल में गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले हुए हमले के दौरान घायल हुए बंगाल बीजेपी के प्रभारी और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि CAA लागू करने के लिए स्टेट की कोई आवश्यकता नहीं है, केंद्र सरकार सक्षम है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 13, 2020 3:30 AM IST / Updated: Dec 13 2020, 10:56 AM IST


कोलकाता. पश्चिम बंगाल में गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले हुए हमले के दौरान घायल हुए बंगाल बीजेपी के प्रभारी और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि CAA लागू करने के लिए स्टेट की कोई आवश्यकता नहीं है, केंद्र सरकार सक्षम है। अगर स्टेट सहयोग देगा तो भी लागू करेंगे और नहीं देगा तो भी लागू करेंगे। इन दिनों कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने उन्हें बंगाल का प्रभारी बना कर भेजा है।

गौरतलब है कि असम में शनिवार को नागरिक समाज संगठन की ओर से गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने का सीएए पर बयान आया है। उन्होंने कहा कि कहा कि कोई राज्य सहयोग करे या न करे वे कानून लागू करेंगे। विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में सीएए लागू करने को लेकर मीडिया से अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि देश में सीएए लागू करने के लिए राज्य की मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है, इसके लिए केंद्र सरकार स्वयं सक्षम है। अगर कोई राज्य सहयोग देगा तो भी इसे लागू करेंगे और नहीं देगा तो भी इसे लागू करेंगे।

ब्लैक डे के रूप में मनाई गई CAA की पहली वर्षगांठ
आपको बता दें कि बीते साल 11 दिसंबर को ही असम में सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था। वहां एक वर्ष पूरा होने पर शुक्रवार को कई छात्र संगठनों और अन्य संगठनों ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में अखिल असम छात्र संघ (आसू), उत्तर पूर्व छात्र संगठन (नेसो), कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (अजायुछाप) सहित कई संगठन शामिल थे। इन सभी संगठनों ने सीएए के खिलाफ असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर इसे निरस्त करने की मांग फिर उठाई है। सीएए की पहली वर्षगांठ को नेसो द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'ब्लैक डे' के रूप में मनाया गया।

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