भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का बड़ा बयान, कहा- बंगाल में TMC से बड़ी दुश्मन है BJP

भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बंगाल में BJP को TMC से ज्यादा बड़ा दुश्मन बताया है। दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भगवा दल को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता।

Asianet News Hindi | Published : Nov 21, 2020 9:25 AM IST

कोलकाता. भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बंगाल में BJP को TMC से ज्यादा बड़ा दुश्मन बताया है। दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भगवा दल को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि वाम और कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में पहले ‘सबसे बड़े खतरे’ का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘विभाजनकारी ताकतों’ का मुकाबला करने के लिए माकपा में ‘भाजपा विरोधी आक्रमकता’ की कमी है।

भट्टाचार्य ने इसके साथ ही कहा कि कांग्रेस को इन दोनों पार्टियों के गठबंधन में प्रमुख भूमिका नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे वामदल को बहुत लाभ नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि भगवा दल का सामना करना इस समय देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का आह्वान किया कि अगले साल अप्रैल-मई महीने में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को ‘प्रधान राजनीतिक दुश्मन’ के तौर पर लें।

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तृणमूल कांग्रेस पर बोला हमला 
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, 'बिहार के विपरीत, जहां केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार थी, पश्चिम बंगाल की स्थिति अलग है जहां तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है। तृणमूल कांग्रेस की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है और हमें उसका भी विरोध करना होगा।' भट्टाचार्य ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘लेकिन एक बात स्पष्ट कर दूं कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता। पश्चिम बंगाल में भाजपा को प्रधान राजनीतिक शत्रु के रूप में पहचान की जानी चाहिए।’

भगवा पार्टी बड़ा खतरा है
भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि अगर राज्य में गैर भाजपा सरकार है जो कुशासन और भ्रष्टाचार से घिरी हुई है, इसके बावजूद लोगों को भगवा दल का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुख्य ध्यान भाजपा पर होना चाहिए। भगवा पार्टी बड़ा खतरा है।’ उन्होंने रेखांकित किया कि जब लालू प्रसाद यादव नीत पार्टी बिहार की सत्ता में थी तब माकपा (माले) लिब्रेशन राजद के साथ-साथ भगवा दल के खिलाफ लड़ी थी।

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