राष्ट्रपति चुनाव 2022: नीतीश कुमार की दावेदारी पर गरमाई राजनीति, जानें कितना कठिन है रायसीना हिल्स का सफर

चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा राष्ट्रपति चुनाव (President Election) की आधिकारिक घोषणा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का नाम फिर सुर्खियों में है। 

नई दिल्ली. राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान होने के साथ ही बिहार की राजनीति एक बार फिर नीतीश कुमार के नाम के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। बिहार के राजनैतिक गलियारे में यह चर्चा जारी है कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के कितने फिट हैं। इन अटकलों पर तभी विराम लगेगा जब एनडीए अपने प्रत्याशी की घोषणा करेगा, क्योंकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, एनडीए की सहयोगी पार्टी है। फिलहाल राष्ट्रपति चुनाव और बिहार की राजनीति केंद्र में है और अलग-अलग लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। 

नीतीश ने खुद किया था खंडन
ऐसा नहीं है कि देश के अगले राष्ट्रपति के लिए नीतीश कुमार का नाम पहली बार लिया जा रहा है। काफी समय से उनके राष्ट्रपति बनने की चर्चाएं पटना से लेकर दिल्ली तक होती रही हैं। हालांकि नीतीश कुमार खुद यह कहकर चर्चाओं पर विराम लगा दिया था कि वे राज्य में ही रहकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। लेकिन जब चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए घोषणा की तो फिर से नीतीश कुमार का नाम लिया जाने लगा। उनकी पार्टी के नेता भी नीतीश के पक्ष में लामबंद दिख रहे हैं।

Latest Videos

आरजेडी ने क्या कहा
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जब वे हमारे साथ मिलकर सरकार चला रहे थे, तब भी उन्हें पीएम कैंडिडेट कहा जाता था। लेकिन उन्होंने कभी गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने बिहार के तत्कालीन गवर्नर रामनाथ कोविंद सपोर्ट किया, जबकि वे उस वक्त एनडीए के साथ नहीं थे। तब उन्होंने बिहारी अस्मिता की बात कहकर अपने कदम को सही ठहराया था। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि उस चुनाव में बिहार की बेटी व लोकसभा सांसद यूपीए की ओर से चुनाव में खड़ी थीं लेकिन जीत नहीं पाईं। आरजेडी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि यदि मीरा कुमार उस वक्त रायसिना हिल्स पहुंचती तो हर एक बिहारी का सीना गर्व से उंचा हो जाता। लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होने दिया। 

गिर रही जेडीयू की लोकप्रियता
आरजेडी प्रवक्ता तिवारी यह कहने से नहीं चूकते कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से जेडीयू की लोकप्रियता तेजी से गिरी है। इसका कारण चिराग पासवान को बताया जाता है जिन्हें माना जा रहा है बीजेपी का गुप्त सपोर्ट है। आरजेडी प्रवक्ता ने दावा किया कि बीजेपी नीतीश कुमार का अपमान करना चाहती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या ऐसी स्थिति में बीजेपी नीतीश कुमार को राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति पद पर देखना चाहेगी। बीजेपी लोकसभा में मजबूत है, कई राज्यों में सरकार है फिर भी उसे राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दलों पर निर्भर रहना होगा। 

क्या है बीजेपी का रूख
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से जब राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवारी पर सवाल किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। सिंह ने कहा कि अभी किसी भी पार्टी या एलायंस ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। बीजेपी नेता व राज्यमंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी सरप्राइज दे सकती है, जैसा कि दो दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ अब्दुल कलाम का नाम आगे करके किया था। उस वक्त परमाणु वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के भारी सपोर्ट मिला। तब अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियों ने डॉ कलाम को सपोर्ट दिया था।

जेडीयू में भी चल रही हलचल
सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रिस्पांस नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की ओर से आया है। पार्टी में लोग खुश हैं कि उनके नेता देश का सबसे बड़े पद के दावेदार हैं लेकिन तमाम राजनैतिक टिप्पणियों और बाधाओं से चिंतित भी दिखते हैं। बिहार के तेजतर्रार मंत्री व पूर्व में पार्टी के स्टेट चीफ रहे अशोक चौधरी कहते हैं कि हमारे नेता देश के टॉप पद के लिए सशक्त दावेदारी रखते हैं। लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है क्योंकि हम लोग देखते हैं कि बेहतरीन पढ़े-लिखे और योग्य लोगों को ढंग की एक नौकरी तक नहीं मिल पाती। 

विपक्षी दलों की संयुक्त दावेदारी
हाल ही में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारेगा। इस मसले पर वाम दलों की बात सोनिया गांधी और तेजस्वी यादव से भी हुई है। हालांकि उन्होंने नीतीश कुमार के राष्ट्रपति बनने की बात पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर इशारा किया नीतीश 2024 में विपक्ष के पीएम कैंडिडेट नहीं होंगे। इससे यह बात स्पष्ट होती है नीतीश के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का समर्थन भी अन्य पार्टियां नहीं करेंगी। हालांकि यह अभी अनुमान ही है। 


18 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव
देश में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। निर्वाचन आयोग के अनुसार 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होगा. इसके लिए 15 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी। 29 जून तक  नामांकन दाखिल किया जा सकेगा। चुनाव के नतीजे 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। देश के सभी निर्वाचित सांसद और विधायक इसमें वोट देते हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 549441 वोटों की दरकार होती है। राष्ट्रपति चुनाव में सबसे अधिक वोट हासिल करने से जीत का फैसला नहीं होता है। इसमें वोटों का वेटेज देखा जाता है। वर्तमान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए इलेक्टोरल कालेज के सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 1098882 है। जीत के लिए उम्मीदवार को 549441 वोट हासिल करना होगा। राज्यसभा या लोकसभा के मनोनीत सदस्य, राज्यों के विधान परिषद सदस्यों को चुनाव में वोटिंग का अधिकार नहीं होता है।

यह भी पढ़ें

नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ उपद्रव, लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा- "अगर पैगंबर मोहम्मद आज जीवित होते तो..."
 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts