पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा पर अंतरिम रिपोर्ट आ गई है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने चुनाव बाद हिंसा की वारदातों से राज्य में दहशत का माहौल होने की बात कही है। कमेटी ने सुझाव दिया है कि कानून का राज स्थापित करने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए। अधिकारियों को सरकारों के प्रति वफादार होने की बजाय अपनी ड्यूटी करनी चाहिए ताकि हर पीड़ित को न्याय मिल सके। बंगाल की सीमा को संवेदनशील बताते हुए देश विरोधियों की घुसपैठ के मामलों को रोकने के लिए एनआईए जांच की भी बात कही गई है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन के फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी टीएमसी पर हमलावर हो गई है। बीजेपी ने राज्य में कानून व्यवस्था का सवाल खड़ा किया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि जहां जहां टीएमसी थी, वहां चुनाव में हिंसा हुई। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं।
पुलिस दे रही गुंडो का साथ
पश्चिम बंगाल की स्थिति पर बीजेपी अध्यक्ष नड्डा बोले कि वहां महिलाओं, दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार हुए हैं। बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। इससे अधिक शर्मनाक बात नहीं हो सकती कि पुलिस लोगों की रक्षा करने की बजाय अत्याचारियों के साथ है।
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में यह बताया गया है कि चुनाव परिणाम आने के बाद भड़की हिंसा पूर्व से तय थी। इस हिंसा में माफिया, पेशेवर गुंडों ने तबाही मचाई। पुलिस की स्थितियों और पीड़ितों के बारे में भी अंतरिम रिपोर्ट में बताया गया है। पूरी रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें...
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