राफेल विमान डील एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, फ्रांस में छपी एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट ने इस डील के लिए भारत में एक बिचौलिए को एक मिलियन यूरो बतौर गिफ्ट दिए। वहीं, भाजपा ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया।
नई दिल्ली. राफेल विमान डील एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, फ्रांस में छपी एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट ने इस डील के लिए भारत में एक बिचौलिए को एक मिलियन यूरो बतौर गिफ्ट दिए। वहीं, भाजपा ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया।
राफेल विमान खरीद में भ्रष्टाचार को लेकर पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार के कथित आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके अलावा सीएजी की रिपोर्ट में भी कुछ गलत नहीं पाया गया।
लोकसभा में भी विपक्ष ने बनाया था मुद्दा
रविशंकर प्रसाद ने कहा, विपक्ष ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया था लेकिन उसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि डील में भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि फ्रांस की मीडिया में छपी खबरें वहां 'व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता' के चलते हो सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस ने इस मामले उठाया था, वहां उसकी हार हुई। यहां तक कि कैग रिपोर्ट में कुछ गलत नहीं पाया गया।
क्या है मामला?
फ्रांस के पब्लिकेशन मीडियापोर्ट ने रिपोर्ट में दावा किया है कि 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील के वक्त एक बिचौलिए को एक मिलियन यूरो की राशि दी गई थी। इसे 2017 में दसॉल्ट के अकाउंट से गिफ्ट टू क्लाइंट्स के तौर पर ट्रांसफर किया गया था।
भारत ने फ्रांस से खरीदे 36 राफेल
भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट की डील की है। इनके तहत भारत को 30 लड़ाकू और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट मिलेंगे। भारत में 29 जुलाई को चीन से विवाद के बीच 5 राफेल मिले थे। इसके बाद 4 नवंबर 2020 को 3 विमान मिले। वहीं, तीसरे बैच में 27 जनवरी को 3 राफेल लड़ाकू विमान भारत आए। इसी महीने तीन और राफेल भारत आए हैं। अभी तक 14 लड़ाकू विमान भारत आ चुके हैं।