क्या गहलोत की सरकार गिर जाएगी, उनके पास सिर्फ 83 विधायक? इस फोटो के जरिए भाजपा नेता ने तो यही कहा

राजस्थान में विधानसभा सत्र की मांग को लेकर सीएम अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के विधायक राजभवन में विरोध प्रदेश कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना में इतने शॉर्ट नोटिस में विधानसभा सत्र नहीं बुला सकते हैं। इस बीच भाजपा नेता प्रीति गांधी ने धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों की फोटो ट्वीट किया। उन्होने कहा, गहलोत के पास बहुमत के लिए 18 विधायक कम हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2020 1:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा सत्र की मांग को लेकर सीएम अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के विधायक राजभवन में विरोध प्रदेश कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना में इतने शॉर्ट नोटिस में विधानसभा सत्र नहीं बुला सकते हैं। इस बीच भाजपा नेता प्रीति गांधी ने धरना दे रहे कांग्रेस विधायकों की फोटो ट्वीट किया। उन्होने कहा, गहलोत के पास बहुमत के लिए 18 विधायक कम हैं।

"गहलोत के पास सिर्फ 83 विधायक"
भाजपा नेता प्रीति गांधी ने दो फोटो ट्वीट की। साथ में लिखा, माननीय राज्यपाल से मिलने की प्रतीक्षा कर रहे राजभवन के बाहर विधायक की गिनती 83 है। फिर भी गहलोत सरकार को लगता है कि उनके पास बहुमत है। उनके पास अभी भी बहुमत से 18 एमएलए कम हैं।

क्या है विधानसभा का गणित?
राजस्थान विधानसभा में 200 विधायक हैं। बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए। कांग्रेस के 107 विधायक हैं। गहलोत का दावा है कि 88 विधायक उनके साथ हैं। अगर सचिन पायलट का समर्थन करने वाले 19 विधायक की सदस्यता खत्म होती है, तब बहुत का आंकड़ा 101 से घटकर 91 पर आ जाएगा। ऐसे में बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस के 3 विधायक और चाहिए। ऐसे में गहलोत को बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है। 

प्रीति गांधी ने कहा, फोटो में तो 83 ही दिख रहे
गहलोत का दावा है कि उनके पास बहुमत है, लेकिन भाजपा नेता ने फोटो के जरिए बताया कि अशोक गहलोत के पास रिर्फ 83 विधायक ही हैं। 

"सोमवार से विधानसभा शुरू करना चाहते हैं"
अशोक गहलोत ने कहा, हम लोग सोमवार से विधानसभा शुरू करना चाहते हैं, वहां दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। हमारे पास स्पष्ट बहुमत है, हमें कोई दिक्कत नहीं है। चिंता हमें होनी चाहिए सरकार हम चला रहे हैं, परेशान वो हो रहे हैं।

"जनता राजभवन का घेराव कर सकती है"
अशोक गहलोत ने अक्रामक बयान देते हुए कहा कि अगर राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी तो जनता राजभवन का घेराव करने पहुंत सकती है उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।

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