115 दिन CM रह सके तीरथ, 4 साल में उत्तराखंड को मिला तीसरा मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद आज राज्य के भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। इसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की गई। बता दें कि शनिवार को रावत ने इस्तीफा दे दिया था।
 

Asianet News Hindi | Published : Jul 3, 2021 2:33 AM IST / Updated: Jul 03 2021, 03:42 PM IST

देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार की दोपहर उत्तराखंड भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई। प्रदेश के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने सभी विधायकों को बैठक में अनिवार्यतौर पर उपस्थित रहने को कहा था। पार्टी ने इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक बनाया था। सूत्रों के अनुसार,नए सीएम के लिए बिशन सिंह चुफाल और त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम सामने आया था। चुफाल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं, रावत इससे पहले सीएम थे। हालांकि सतपाल महाराज और केंद्रीय मंत्री मंत्री रमेश पोखरियल निशंक के नाम भी जोरों से आगे आए। लेकिन मुहर पुष्कर सिंह धामी के नाम पर लगी।

4 साल में तीसरा मुख्यमंत्री
उत्तराखंड को चार साल में तीसरा मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। इस बार करीब एक साल के लिए मुख्यमंत्री होगा। तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। अगर पिछले 20 साल का इतिहास देखें, तो उत्तराखंड में भाजपा के 7 मुख्यमंत्री हो चुके हैं, जबकि 4 साल में तीन। तीरथ सिंह रावत 115 दिन मुख्यमंत्री रहे, भगत सिंह कोश्यारी 122 दिन, जबकि भुवन सिंह खंडूरी 184 दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रह सके।

क्यों देना पड़ा तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा?
दरअसल, 10 मार्च को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल 10 मार्च को छह माह पूरा हो रहा है। छह महीने के भीतर उनको कहीं न कहीं से विधायक होना अनिवार्य है। लेकिन राज्य में विधानसभा चुनाव होने में साल भर से कम समय बचा है। कहा जा रहा है कि ऐसे में उपचुनाव कराना संभव नहीं है। ऐसे में दस सितंबर के पहले तीरथ सिंह रावत का सदन में विधायक चुना जाना असंभव है। इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया।

ये भी अजब संयोग है
यह अजब संयोग है कि तीरथ सिंह रावत की मुख्यमंत्री-यात्रा कुंभ से पहले शुरू हुई थी और चारधाम से पहले खत्म हो गई। तीरथ को अपने पूरे कार्यकाल में कोरोना संकट से जूझना पड़ा।

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