गैंगरेप पर बोली भाजपा सांसद, कैंडल लेकर निकलने वाले ही रुकवाते हैं आरोपियों की फांसी

भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में लोगों के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जो लोग सड़कों पर मोमबत्ती लेकर निकलते हैं वही आरोपियों को फांसी दिए जाने का विरोध करते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 2, 2019 4:28 PM IST

नई दिल्ली. भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में लोगों के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जो लोग सड़कों पर मोमबत्ती लेकर निकलते हैं वही आरोपियों को फांसी दिए जाने का विरोध करते हैं। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रदर्शनकारियों पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि यहि लोग अदालत में जाकर आरोपियों की फांसी रुकवाने के लिए याचिका लगाते हैं। 

मीनाक्षी लेखी से पहले भी कई महिला नेता इस मुद्दे पर अपनी बात रख चुकी हैं। तृणमूल सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती ने हैदराबाद की घटना का जिक्र करते हुए कहा, मैं सभी संबंधित मंत्रियों से अपील करती हूं कि इस मामले में ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे लोग रेप तो छोड़ो गलत नजर से महिला को देखने से पहले भी 100 बार सोचें।

दोषियों को भीड़ के हवाले करें- जया बच्चन
सपा सासंद जया बच्चन भी हैदराबाद का जिक्र करते हुए सदन में भड़क गईं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर कितनी बार सदन में चर्चा हो चुकी है। जया ने कहा, हैदराबाद हुआ, निर्भया हुआ, कठुआ हुआ। इस पर सरकार से पूछा जाना चाहिए और उन्हें सही और सटीक जवाब देना चाहिए। कुछ देशों में जनता दोषियों को सजा देती है। दोषियों को अब जनता ही सबक सिखाए। ऐसे लोगों को जनता में देकर लिंच कर देना चाहिए।

मां कहे कि मेरे बेटे को फांसी पर लटका दो 
भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने कहा, ''बहुत ही भयावह और दुखद घटना है। जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है। सिर्फ कानून बना देने से काम नहीं चलेगा। ऐसे लोगों को चौराहे पर पूरी दुनिया और मीडिया के सामने फांसी पर टांग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी आगे आना चाहिए। हर मां कहे कि मेरा बेटा ऐसा काम करे तो उसे फांसी पर लटका दो। 

इस बार कड़ा संदेश देने की जरूरत- अनुप्रिया पटेल 
मिर्जापुर से अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा, राज्य सरकार का रवैया ठीक नहीं रहा। पीड़ित परिवार को एफआईआर लिखाने में परेशानियां हुईं। मुख्यमंत्री तीन दिन बाद फास्ट ट्रेक कोर्ट बनाने का फैसला ले पाए।  हम हैदराबाद गैंगरेप की निंदा करते हैं। बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं और सदन इस पर चर्चा करता है। देश की आधी आबादी सुरक्षित नहीं है। अबकी बार हमें अब चुप नहीं रहना है। इस बार इतना कड़ा संदेश देते हुए उदाहरण पेश करना है। 

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