Congress Corruption: क्षिति- जल -पावक- गगन समीरा सब में कांग्रेस की सरकार ने घोटाले किए

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुंकार भरते हैं कि "ना तो खाऊंगा और ना खाने दूंगा!" तब इंडिया एलायंस के तमाम साथी एक स्वर में उनके खिलाफ स्यापा शुरू करते हैं।

प्रेम शुक्ल

6 दिसंबर 2023 को आयकर विभाग ने शराब निर्माण कंपनी बलदेव साहू समूह के 10 ठिकानों पर छापेमारी की । इस समूह के ये ठिकाने ओडिशा और झारखंड में स्थित हैं। इस छापे में अब तक 300 करोड रुपए की नकदी और करोड़ों रुपए के आभूषण बरामद हुए हैं। इस कंपनी के कर्ताधर्ता कांग्रेस के सांसद और झारखंड प्रदेश के कोषाध्यक्ष रहे धीरज साहू हैं। अब तक आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों में बरामद नकदी का रिकॉर्ड धीरज साहू के नाम पर दर्ज हुआ है। बावजूद इसके कांग्रेसी पूरी बेशर्मी के साथ काला धन के इस कारोबारी के समर्थन में सतत कुतर्क गढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रतिशोध की कार्रवाई के तहत विपक्षी सांसद पर नरेंद्र मोदी की सरकार ने छापेमारी की है।

Latest Videos

कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में एक कांग्रेस नेता के रिश्तेदार पर जब इसी तरह छापा मारा गया तब कांग्रेसी नेता के रिश्तेदार के घर से 42 करोड रुपए की नकदी बरामद हुई थी। तब भी कांग्रेसियों ने कोलाहल मचाया था कि भाजपा के इशारे पर विरोधी दल से जुड़े कारोबारियों पर कार्रवाई की जा रही है ।आए दिन कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया एलायंस के घटक दल जांच करने वाली एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग और सीबीआई को आरोपों के घेरे में खड़ा करने का प्रयास करते हैं।

कांग्रेस का रटा-रटाया कुतर्क

उनका एक रटा-रटाया कुतर्क है कि भाजपा विरोधी दलों के नेताओं पर कार्रवाई करती है और जो विरोधी भाजपा में शामिल हो जाता है उसके खिलाफ करवाई रुक जाती है और नेता ड्राई क्लीन होकर बाहर आ जाता है। जब इस तरह के कुतर्क देने वालों से प्रमाणिक उदाहरण मांगा जाता है तो आयं-बांय-सांय बकने के अलावा उनके पास कोई जवाब नहीं होता।

वैसे तो कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ रूपयों के घोटाले के आरोप लगे थे। अंग्रेजी के ए वर्ण से लेकर जेड तक घोटालों की लंबी फेहरिस्त है। क्षिति- जल -पावक- गगन समीरा सब में कांग्रेस की सरकार ने घोटाले किए। तमाम मामले अभी न्याय प्रविष्ट हैं। कुछ मामलों में तत्कालीन जांच एजेंसियों को तोता बनाने के कारण अभियुक्त बरी भी हुए हैं । कई मामलों में जांच एजेंसियों के ईमानदार अधिकारियों के प्रयास के चलते दोषी दंडित हुए हैं।

गिनते-गिनते मशीन हो गई खराब

धीरज साहू वाला मामला ही देखें। धीरज साहू के एक ठिकाने से 500,200 और 100 के नोटों के जो बंडल बरामद हुए उनकी गिनती करते-करते नोट गिनने वाली मशीन खराब हो गई। पर नोटों का जखीरा खत्म नहीं हुआ। कांग्रेसी कुतर्क दे रहे हैं कि धीरज साहू खानदानी कारोबारी है तो उनके पास से इतना धन बरामद होना सामान्य बात है। सच कुछ और है। 2018 में धीरज साहू ने राज्यसभा चुनाव की उम्मीदवारी का नामांकन भरते समय अपनी संपत्तियों के बारे में जो शपथ पत्र दायर किया था उसमें उनकी कुल संपत्ति 34 करोड रुपए थी। जिसमें 2.36 करोड रुपए का कर्ज भी शामिल था। 2018 के नामांकन के पहले उसने अपनी आमदनी बमुश्किल एक करोड रुपए बताई थी। धीरज साहू दो बार झारखंड की चतरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार चुके हैं। उसके बाद उन्हें तीन बार कांग्रेस ने राज्यसभा में भेजा। धीरज साहू कोई राष्ट्रीय नेता तो हैं नहीं कि उन्हें बारंबार कांग्रेस राज्यसभा के लिए नामित करे ,फिर धीरज साहू पर कांग्रेस का प्रथम परिवार इतना मेहरबान क्यों ?

आयकर विभाग के जानकार अधिकारियों का कहना है कि साहू परिवार से जो नकदी बरामद हुई है वह व्यवसाय से संबंधित धन नहीं है। साहू के परिवार का खानदानी शराब का जो कारोबार है उसका टर्नओवर देखते हुए उनके पास अधिकतम 25 - 30 करोड़ रुपए की नकदी होनी चाहिए। जबकि एक ही ठिकाने से सैकड़ो करोड़ रुपए की नकदी बरामद हुई है। फिर यह नकदी है किसकी?

कांग्रेस के फाइनेंसर

धीरज साहू लंबे समय तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे हैं। झारखंड के अधिकतर पत्रकारों का मानना है की साहू की इमेज कांग्रेस के प्रमुख फाइनेंसर की रही है। राज्य में होने वाले विविध चुनावों में टिकटों के बंटवारे में धीरज साहू की तूती बोलती रही है। जब कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी तब उनके साथ धीरज साहू प्रमुखता से मौजूद पाए गए थे। साफ है कि धीरज साहू के पास जो काला धन बरामद हुआ है, उसका कांग्रेसी कनेक्शन है। इसीलिए धीरज साहू के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय कांग्रेसी उनके बचाव में कोहराम कर रहे हैं । करें भी क्यों ना ? जिस पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी भारतीय दंड विधा की धारा 420 के तहत अपने पुत्र राहुल गांधी के समेत अभियुक्त हों । जिनकी पुत्री प्रियंका गांधी पर येस बैंक के राणा कपूर से दो करोड रुपए वसूल कर चलताऊ किस्म की पेंटिंग चिपकाने का आरोप है । जिनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर तमाम रियल एस्टेट के कारोबारियों से वसूली के आरोपी हो । जिनकी सरकार का वित्त मंत्री पी चिदंबरम सपरिवार भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा चुका हो। जिसका कर्नाटक का उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मनी लांड्रिंग के मामले में जेल काटने के कारण ही गांधी परिवार का प्रिय बना हो। जिस परिवार ने तेलंगाना में भ्रष्टाचार के मामले में जेल यात्रा करके लौटे रेवंथ रेड्डी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई हो। जिस कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर गोबर, शराब और जुआ खेलाने वाले सटोरियों की कंपनी से सैकड़ो करोड़ की वसूली के आरोप हों। जिनके मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के पास से 238 करोड रुपए की बेहिसाबी राशि बरामद हुई हो। जिनके अन्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के तमाम राज लाल डायरी में दफन हो। और जिन अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत और परिवार के अन्य कयी सदस्य खाद घोटाले में संलिप्त पाए गए हैं ,उनसे बेईमानी के पक्ष में बमकना अपेक्षित है। कांग्रेस और करप्शन एक ही सिक्के के दो पहलू बन चुके हैं।

केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं भ्रष्टाचार का रोग

...और अब यह रोग केवल कांग्रेस तक सीमित नहीं है। सनद रहे उत्तर प्रदेश के चुनावों के दौरान कानपुर के गुटखा कारोबारी पीयूष जैन के यहां आयकर के छापों में जब 200 करोड़ रूपयों की नकदी बरामद हुई तब समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव किस कदर बौखलाए हुए थे । जुलाई 2022 में इसी तरह तृणमूल कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी के खासम खास पार्थ चटर्जी के ठिकानों से 50 करोड़ रूपयों की नकदी और तमाम स्वर्णाभूषण बरामद हुए थे । कांग्रेस की एक अन्य सहयोगी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कझगम के करीबियों पर पड़े आयकर के छापों में 142 करोड़ रूपयों की राशि जब्त हुई । जून 2022 में जब आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर छापे पड़े तो प्रवर्तन निदेशालय को 2.82 करोड़ रुपए की नकदी और सोने के 133 सिक्के बरामद हुए । झारखंड में अधिकारियों के घर पर जब प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की तब मई 2022 में 20 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी बरामद हुई । झारखंड में कांग्रेस की सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार के कार्यकाल में 1500 करोड़ रूपयों का कोयला आवंटन घोटाला , 550 करोड़ रूपयों का मनरेगा घोटाला,1500 करोड़ रुपए का ग्रामीण विकास निगम घोटाला और 3000 करोड़ रुपए का भूमि घोटाला हुआ है । स्वाभाविक है कि यही राशि धीरज साहू जैसे काले धन की कुबेरों से बरामद हो रही है । महाराष्ट्र में तो शरद पवार के करीबी अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस आयुक्त से 100 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य निर्धारित कर दिया था। वहां कोविद सेंटर से लेकर तमाम परियोजनाओं में अरबों रूपयों के वारे न्यारे हुए।

इसीलिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुंकार भरते हैं कि "ना तो खाऊंगा और ना खाने दूंगा!" तब इंडिया एलायंस के तमाम साथी एक स्वर में उनके खिलाफ स्यापा शुरू करते हैं। धीरज साहू के पास से बरामद 300 करोड़ रुपए की नकदी के बाद जब एक बार फिर प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि "जनता से जो लूटा है उसकी पाई- पाई लौटना पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है!" तब विपक्षी कोहराम क्यों न मचाएं ? तभी तो संसद में सवाल पूछने के लिए दुबई स्थित कारोबारी से धन उगाही करने वाली महुआ मोइत्रा के पीछे तमाम भ्रष्ट तंत्र के नेता लोकतंत्र की दुहाई देने खड़े हो गए हैं।

(इस आर्टिकल के लेखक प्रेम शुक्ला, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।)

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Nagpur Poha Shop पर पहुंचे Rahul Gandhi, फिर खुद भी किया ट्राई | Maharashtra Election 2024
भारत की इस हाइपरसोनिक मिसाइल से कापेंगे चीन और पाकिस्तान, जानें क्या है इसमें खास
मंत्री कैलाश गहलोत ने छोड़ी आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी भी आई सामने
देश संविधान से चलना चाहिए और PM मोदी कहते हैं कि संविधान एक खोखली किताब है: राहुल गांधी
Astro Tips: धन लाभ के लिए घर में रोज कहां लगाएं 1 दीपक?