कोरोना में डॉक्टर पति पर काम के तनाव से परेशान पत्नी पहुंची कोर्ट, कहा- वैवाहिक जीवन में आ रहा तनाव

महाराष्ट्र में एक पत्नी ने अपने ही पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। आरोप लगाया कि कोरोनावायरस महामारी के शुरुआती दिनों में उसके पति पर ज्यादा काम के तनाव से उनका वैवाहिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। हालांकि बाद में आपसी रजामंदी हो गई और बॉम्बे हाईकोर्ट ने एफआईआर को खारिज कर दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2020 10:44 AM IST / Updated: Nov 25 2020, 04:15 PM IST

मुंबई. महाराष्ट्र में एक पत्नी ने अपने ही पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। आरोप लगाया कि कोरोनावायरस महामारी के शुरुआती दिनों में उसके पति पर ज्यादा काम के तनाव से उनका वैवाहिक जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। हालांकि बाद में आपसी रजामंदी हो गई और बॉम्बे हाईकोर्ट ने एफआईआर को खारिज कर दिया। 

दंपति ने पैचअप करने का फैसला किया

एफआईआर का हवाला देते हुए जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की डिवीजन बेंच ने इस बात पर खुशी जताई कि दंपति ने पैचअप करने और आगे बढ़ने का फैसला किया है। वकील ने कोर्ट को इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद जजों ने कहा कि वह खुद दंपति से बात करना चाहते हैं।  

पति सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है

जज सिर्फ पत्नी से ही बात कर पाए। वे पति से भी बात करना चाहते थे, लेकिन पुणे में रहने वाली पत्नी ने कहा कि उसका पति सरकारी अस्पताल में काम करता है और वह ड्यूटी पर था।

पत्नी ने जज के सामने बताई पूरी कहानी

पत्नी ने कोर्ट को बताया, मार्च और अप्रैल में जब अस्पतालों में कोरोनोवायरस से जुड़े काम बढ़ गए थे, तब वह बहुत तनाव में थी। हम हर दिन 18 घंटे काम कर रहे थे। इसके कारण बहुत सारी गलतफहमी हो गई थी। यहां तक कि घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने के लिए भी पहुंच गई। 

20 साल पहले हुई शादी, 2 बच्चे भी हैं

माइक्रोबायोलॉजिस्ट के रूप में काम करने वाली पत्नी ने बताया कि उनकी शादी को 20 साल हो गए थे और उनके दो बच्चे हैं। कोर्ट ने पत्नी से पूछा कि क्या उसने खुद से ही मामले को सुलझाने का फैसला किया है? पत्नी ने कहा कि हां, यह खुद से लिया गया फैसला है। वह सितंबर में ही अपने पति और बच्चों के साथ अपने घर में रहने के लिए वापस आई। 

जस्टिस शिंदे ने अपने दोस्त का उदाहरण दिया

जस्टिस शिंदे ने अपने दोस्तों के बारे में बताया। जो सरकारी अस्पताल में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान हर कोई कितना तनाव में था। हम ऐसे समय में डॉक्टरों और उनके काम का बहुत सम्मान करते हैं।

जज ने चुटकी लेते हुए पूछा- मिया बीवी राजी? 

जजों ने जब पत्नी से बात की, तब वह संतुष्ट थे। फिर मामले को खत्म करने का फैसला किया। जस्टिस शिंदे ने कहा कि कोर्ट प्राथमिकी को रद्द करने के लिए तैयार है। जस्टिस कर्णिक ने चुटकी लेते हुए पूछा, मिया बीवी राजी? कोर्ट ने दंपति को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और मामले को खत्म कर दिया।

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