
Sydney Attack Latest Updates: रविवार 14 दिसंबर को सिडनी के बोंडी बीच पर हुई मास शूटिंग के पीछे दो हमलावरों का हाथ था। इनमें से एक हमलावर साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था और उसके पास अभी भी भारतीय पासपोर्ट है। हालांकि, वो 27 साल पहले यानी 1998 में हैदराबाद छोड़कर ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गया था।
साजिद अकरम के भारतीय पासपोर्ट वाले कनेक्शन पर तेलंगाना पुलिस का कहना है कि 50 साल का साजिद अकरम हमले के दौरान पुलिस की गोली से मारा गया। वहीं, उसका 24 वर्षीय बेटा नवीद अकरम जिंदा पकड़ा गया है और उसका अभी इलाज चल रहा है। ऑस्ट्रेलियाई जांचकर्ताओं ने इस हमले को तथाकथित इस्लामिक स्टेट ग्रुप (ISIS) से प्रेरित एक आतंकवादी घटना बताया है। बता दें कि इस आतंकी हमले में 10 साल की एक बच्ची और 87 साल के बुजुर्ग समेत 15 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में आतंकी साजिद अकरम भी शामिल है।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) के मुताबिक, 50 साल का साजिद अकरम हैदराबाद का रहने वाला था और नवंबर 1998 में स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया चला गया था। पुलिस ने बताया कि रोजगार की तलाश में भारत छोड़ने से पहले उसने हैदराबाद में बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री पूरी की थी। अकरम 27 सालों तक ऑस्ट्रेलिया में रहा और इस दौरान हैदराबाद में अपने परिवार से उसका संपर्क बेहद कम था।
ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद अकरम ने वेनेरा ग्रोसो से शादी की, जिसे पुलिस ने यूरोपियन मूल की महिला बताया है। इस कपल के दो बच्चे नवेद और एक बेटी हैं। अकरम आखिरी बार 2022 में हैदराबाद आया था। उसके पास भारतीय पासपोर्ट था, जबकि उसके बच्चे जो ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए उनके पास ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता है।
जांचकर्ताओं ने बताया कि पारिवारिक झगड़ों की वजह से हैदराबाद में अपने परिवार के साथ अकरम के रिश्ते कई साल पहले खराब हो गए थे। माना जाता है कि हमले से बहुत पहले ही रिश्तेदारों ने उससे संबंध तोड़ लिए थे। 2017 में जब उसके पिता की मौत हुई थी, तो अकरम उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ था।
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस दोनों संदिग्धों की फिलीपींस यात्रा की भी जांच कर रही है। फिलीपींस ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के मुताबिक, साजिद अकरम और उसका बेटा 1 से 28 नवंबर के बीच फिलीपींस में रहे। इस दौरान साजिद अकरम ने भारतीय पासपोर्ट, जबकि नवीद अकरम ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। दोनों ने दावो को अपना लास्ट डेस्टिनेशन बताया और वापस सिडनी निकल गए। बता दें कि दावो मिंडानाओ आइलैंड पर एक बड़ा शहर है, जहां इस्लामी गुट गरीब इलाकों में सक्रिय रहे हैं। हालांकि, फिलीपींस सेना का कहना है कि साफतौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि बाप-बेटे को यहां मिलिट्री ट्रेनिंग मिली थी।