बेंगलुरू में क्या-क्या बंद है-क्यों किया गया बंद का ऐलान, कावेरी विवाद को लेकर प्रदर्शन

Published : Sep 26, 2023, 02:34 PM IST
Bengaluru Bandh

सार

कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद एक बार फिर गरमा गया है। दोनों राज्यों के बीच काफी समय से कावेरी विवाच चल रहा है। जिसकी वजह से यह बंद बुलाया गया है। 

Bengaluru Bandh. कावेरी विवाद को लेकर बेंगलुरू बंद का आह्वान किया गया है। कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के बीच यह विवाद काफी पुराना है और इसे लेकर बेंगलुरू में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि पूरे शहर में धारा 144 लागू की गई है। बेंगलुरू बंद को देखते हुए स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं। यह प्रदर्शन किसान संगठनों द्वारा किया जा रहा है। बंद को देखते हुए बेंगलुरू में चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगाई गई है लेकिन प्रदर्शन जारी है। यह विवाद काफी पुराना है लेकिन दोनों राज्यों की राजनीति भी इस विवाद से जुड़ गई है।

बेंगलुरू में स्कूल-कॉलेज बंद

कावेरी नदी जल विवाद को लेकर किसान संगठनों ने बेंगलुरू बंद बुलाया है। कई दूसरे संगठनों ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। इनमें मुख्य भूमिका कर्नाटक जल संरक्षण समिति के नेता कुरूबुरू शांता कुमार की है। बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना न होने पाए इसके लिए पुलिसबल की भारी तैनाती की गई है। साथ ही शहर में धारा 144 लागू की गई। बेंगलुरू के स्कूल कॉलेज बंद हैं और एयरलाइंस ने भी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। बेंगलुरू में कई जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

क्या है कावेरी नदी जल विवाद

कावेरी नदी के पानी को कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच का यह विवाद काफी पुराना है। यह विवाद फिर से तब शुरू हुआ जब कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। फिर सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी। प्राधिककण के आदेश पर कर्नाटक को 13 सितंबर को 15 दिनों तक तमिलनाडु को 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा गया। वहीं कर्नाटक सरकार का कहना है कि वह पानी नहीं छोड़ सकता क्योंकि राज्य में सिंचाई की जरूरत है।

यह भी पढ़ें

Watch Video: खालिस्तानी समर्थकों ने ऐसा किया कि खौल जाएगा खून, देखती रही ट्रूडो की पुलिस

PREV

Recommended Stories

Guwahati International Airport के नए टर्मिनल का उद्घाटन: PM मोदी ने किया लोकार्पण, जानें खास बातें
Sonia Gandhi: ‘MGNREGA से जुड़े महात्मा गांधी के सपने खतरे में’