गौ तस्करी के लिए कुख्यात TMC लीडर अनुब्रत मंडल ने CBI को लिया हल्के में, घर पर छापा मारकर किया अरेस्ट

 CBI ने गौ तस्करी के लिए बदनाम TMC लीडर अनुब्रत मंडल(Anubrata Mondal) के यहां छापा मारा है। उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है। मंडल को 10 बार नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन नहीं पहुंचे। CBI की टीम तीन दिनों से कोलकाता में डेरा डाले बैठी थी।

Amitabh Budholiya | Published : Aug 11, 2022 6:04 AM IST / Updated: Aug 11 2022, 02:55 PM IST

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय(ED) की शिक्षक भर्ती घोटाले में चल रही कार्रवाइयों के बीच CBI ने गौ तस्करी के लिए बदनाम TMC लीडर अनुब्रत मंडल(Anubrata Mondal) के यहां छापा मारा है। उन्हें अरेस्ट किया गया है। मंडल को 10 बार नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन नहीं पहुंचे। CBI की टीम तीन दिनों से कोलकाता में डेरा डाले बैठी थी। अनुब्रत मंडल के बोलपुर स्थित घर पर छापे की खबर सुनकर भीड़ जमा हो गई। सीबीआई अधिकारी 10-12 वाहनों का काफिला लेकर पहुंचे। टीम ने अनुब्रत का घर घेर लिया। सीबीआई अधिकारी घर में घुसे और दरवाजा बंद कर लिया। गौ तस्करी मामले में सीबीआई ने अनुब्रत को 10 बार समन भेजा था। TMC लीडर मदन मित्रा ने कहा-मुझे आज पता चला कि अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। संवेदनशील मामला है। केवल (पार्टी) प्रवक्ता टिप्पणी करने के लिए अधिकृत हैं। सीएम ने कहा है कि भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं किया जाएगा। यह साबित हो गया है कि पार्थ चटर्जी को बाहर कर दिया गया है। इधर, कोयला तस्करी से जुड़े मामले में ED ने 8 IPS को समन भेजा है। वही, बंगाल SSC के पूर्व सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और SSC के पूर्व अध्यक्ष अशोक साहा को 17 अगस्त तक CBI हिरासत में भेजा गया। उन्हें पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में कल CBI ने गिरफ्तार किया था।

2020 में दर्ज किया था केस
सीबीआई ने 2020 में पशु तस्करी के मामले में एक केस दर्ज किया था। इसमें अनुब्रत मंडल का नाम भी सामने आया था। सीबीआई के मुताबिक 2015 से 2017 के दौरान बीएसएफ ने 20,000 पशुओं के सिर बरामद किए थे। इनकी सीमा पार तस्करी होनी थी। इसी मामले में मंडल का बॉडीगार्ड हुसैन पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। सीबीआई अधिकारी राजीव मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम 5 से 6 गाड़ियों के काफिले के साथ अनुब्रत मंडल के घर पहुंची थी। एजेंसी ने कुछ देर पूछताछ के बाद मंडल को अरेस्ट कर लिया।

बीमारी का बहाना बनाते रहे
सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर रैंक के सीनियर आफिसर्स मामले की निगरानी के लिए मंगलवार से कलकत्ता में डेरा डाले हुए हैं। मंडल ने खराब हेल्थ का हवाला देकर CBI के सामने पेश होने में असमर्थता जताई थी। वीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष ने अपने पत्र के साथ डॉक्टर की दो पर्चियां संलग्न की थीं। इसके आधार पर सीबीआई कार्यालय में पेश होने के लिए दो हफ्ते का वक्त मांगा था। हालांकि एसएसकेएम अस्पताल के अधिकारियों यह स्पष्ट कह चुके थे कि मंडल को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। 

इससे पहले 3 अगस्त को मारा गया था छापा
सीबीआई और ईडी ने बीरभूम में 3 अगस्त को भी छापा मारा था। टीम को 6 हिस्सों में बांट दिया गया था। टीम ने नानूर के बसापारा के सतरा गांव में जिला परिषद के कार्य निदेशक और तृणमूल नेता करीम खान के घर की तलाशी ली थी। नानूर में ही करीम के करीबी जियारुल हक उर्फ ​​मुक्तर के अतखुला घर की भी तलाशी ली थी। पाइकपारा में सुभाष पल्ली, सरखा पल्ली और पत्थर व्यापारी तुलु मंडल के 3 घरों पर भी सीबीआई ने छापा मारा था। क्लिक करके पढ़ें

CBI के कहने पर नहीं पहुंचे थे
सीबीआई ने बुधवार(10 अगस्त) को नई दिल्ली में अपने मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी थी। इसमें बताया गया कि तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल कथित पशु तस्करी के सिलसिले में 10वीं बार जांच के लिए पेश नहीं हुए। उन्होंने और समय कैसे मांगा था। मंडल के वकीलों ने CBI को सूचित किया था कि पूछताछ के लिए पेश होने से पहले उन्हें 15 दिन का समय चाहिए। एजेंसी ने उन्हें मंगलवार को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुधवार सुबह 11 बजे तक पेश होने के लिए तलब किया था।

गिरफ्तारी से बचने सुप्रीम कोर्ट की तैयारी में थे मंडल
मंडल के करीबी सूत्रों के अनुसार, वह सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से बचने सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहे थे। हालांकि CBI के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था- "हम उसके (मंडल) के आसपास के सभी घटनाक्रमों पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा कि क्या हम आगे इंतजार करेंगे या कानून के तहत कदम उठाएंगे।" CBI के सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों की एक टीम पिछले सप्ताह से बीरभूम के कुछ हिस्सों में छापेमारी और तृणमूल नेता के अंगरक्षक सहगल हुसैन से मिली जानकारी के आधार पर मंडल से पूछताछ करना चाहती है। हुसैन का नाम इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जोड़ा गया है।

केष्टो मंडल के नाम से भी जाना जाता है
अणुव्रत मंडल को केष्टो मंडल के नाम से भी जाना जाता है। वह बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख हैं। मंडल डब्ल्यूबीएसआरडीए के चेयरमैन भी हैं। वे कई विवादों में घिरे रहे हैं। 1960 के दशक में जन्मे अणुव्रत मंडल बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। जुलाई, 2013 में जब बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे, तब अणुव्रत मंडल ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से खुलेआम कहा था कि वो पुलिस पर बम फेंकें और निर्दलीय उम्मीदवारों के घरों को जला दें।

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