हाथरस केस: क्राइम सीन से लेकर दाह संस्कार की जगह तक...4 घंटे तक CBI ने हर एंगल से तहकीकात की

हाथरस केस में सीबीआई की टीम पहली बार पीड़िता के गांव पहुंची। यहां 4 घंटे तक क्राइम सीन से लेकर अंतिम संस्कार वाली जगह का जायजा लिया। वीडियोग्राफी करवाई। पीड़ित के परिवार से बात की। घर से निकलने के बाद सीबीआई की टीम पीड़िता के बड़े भाई को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई। पीड़िता का भाई सुबह 11.30 बजे से ही सीबीआई टीम के साथ था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2020 3:37 AM IST / Updated: Oct 13 2020, 04:36 PM IST

नई दिल्ली/लखनऊ. हाथरस केस में सीबीआई की टीम पहली बार पीड़िता के गांव पहुंची। यहां 4 घंटे तक क्राइम सीन से लेकर अंतिम संस्कार वाली जगह का जायजा लिया। वीडियोग्राफी करवाई। पीड़ित के परिवार से बात की। घर से निकलने के बाद सीबीआई की टीम पीड़िता के बड़े भाई को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई। पीड़िता का भाई सुबह 11.30 बजे से ही सीबीआई टीम के साथ था। 

अपडेट्स...

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क्राइम सीन पर सीबीआई की 15 लोगों की टीम, वीडियोग्राफी की गई

सीबीआई सहित 15 लोगों की टीम क्राइम सीन पर पहुंची है। सीबीआई सबसे पहले पीड़िता के भाई को क्राइम सीन पर बुलाती है। फिर उससे वहीं पर पूछताछ की जाती है। वारदात वाली जगह की वीडियोग्राफी की गई। क्राइम सीन से पीड़िता का घर 150 से 200 मीटर है।

घटना के 29 दिन बाद यूपी पुलिस ने क्राइम सीन की घेराबंदी की

हाथरस केस में सीबीआई की टीम पीड़िता के गांव पहुंची है। सीबीआई के गांव पहुंचने से पहले यूपी पुलिस की क्राइम सीन की घेराबंदी की। बता दें कि 29 दिन तक पुलिस ने यह जरूरी नहीं समझा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हो सकती है। उसकी घेराबंदी कर दें। 29 दिन बाद जब आज सीबीआई की टीम मौके पर पहुची तो उससे पहले पुलिस ने घेराबंदी का काम किया।

 

हाथरस केस में पीड़िता के पिता की तबीयत खराब, हॉस्पिटल जाने से मना

हाथरस केस में पीड़िता के पिता की तबीयत खराब होने की खबर है। हाथरस के सीएमओ बृजेश राठौड़ ने कहा कि पीड़िता के पिता के तबीयत खराब होने की खबर मिली है। ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। हालांकि पिता ने हॉस्पिटल जाने से इनकार कर दिया है। 

 

लखनऊ कोर्ट में लगी फटकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को हाथरस केस में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई थी। पीड़ित परिवार के वकील सीमा कुशवाहा ने बताया था कि कोर्ट ने सख्ती से प्रशासन से कई सवाल पूछे थे। 

हाथरस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रशासन से पूछा, अगर किसी रसूख वाले की बेटी होती तो क्या इस तरह अंतिम संस्कार किया जाता? कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि अगर आप में से किसी परिवार की बेटी होती तो क्या आप ऐसा होने देते? 

जब तक न्याय नहीं, तब तक अस्थियों का विसर्जन नहीं
लखनऊ से वापस लौटने के बाद पीड़ित परिवार ने कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। पीड़िता का परिवार सोमवार को यूपी पुलिस की सुरक्षा में सुबह 5.30 बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था।

क्या है हाथरस केस ?
14 सितंबर को हाथरस जिले के बूढ़ीगढ़ी गांव में 19 साल की दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप किया गया। 29 सितबंर को दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में इलाज के दौरान लड़की ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि मौत के बाद प्रशासन ने परिवार की इजाजत के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया। 

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