सभी स्कूलों को जल सक्षम बनाएगी CBSE, दिए ये जरूरी दिशा निर्देश

सीबीएसई का यह दिशानिर्देश ऐसे समय में सामने आया है जब नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, बेगलूरू, चेन्नई, हैदराबाद सहित 21 शहरों में 2020 तक भूजल की स्थिति काफी गंभीर हो जायेगी ।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2019 10:18 AM IST

नई दिल्ली. देश में अनेक क्षेत्रों में जल संकट गहराने के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों से अगले तीन वर्ष में अनिवार्य रूप से जल सक्षम बनने को कहा है और इस संबंध में जल प्रबंधन नीति लागू करने तथा नियमित रूप से जल आडिट कराने को कहा है ।

वाटर लीकेज की हो नियमित जांच 
बोर्ड की ओर से तैयार जल संरक्षण दिशानिर्देश में कहा गया है कि स्कूलों को जल से जुड़ी पुरानी सुविधाओं, उपकरणों को दुरूस्त बनाना चाहिए तथा सेंसर युक्त आटोमेटिक नल, व्यवस्थित टैंक स्थापित करना चाहिए । इसके साथ ही नियमित रूप से लीकेज की जांच करानी चाहिए एवं उनके रखरखाव की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए ।

सीबीएसई का यह दिशानिर्देश ऐसे समय में सामने आया है जब नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली, बेगलूरू, चेन्नई, हैदराबाद सहित 21 शहरों में 2020 तक भूजल की स्थिति काफी गंभीर हो जायेगी ।

स्कूलों में होती है जल की ज्यादा खपत 
बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ स्कूलों के लिये जल सक्षम बनने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। इसलिये स्कूलों के लिये जरूरी है कि वे अगले तीन वर्षो में जल सक्षम बने । ’’ उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्रतिदिन काफी मात्रा में पानी की खपत होती है जो पीने के उद्देश्य के साथ कैंटीन, प्रयोगशाला, खेलों, मैदान, आदि में उपयोग में लाई जाती है। ऐसे में स्कूलो को जल संरक्षण के महत्व को समझने की जरूरत है।

समय-समय पर हो समीक्षा 
बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि जल सक्षम स्कूल ‘संस्थागत जवाबदेही है, ऐसे में उन्हें स्कूल जल प्रबंधन समिति का भी गठन करना चाहिए जिसमें प्रशासक, शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, अभिभावक और समुदाय के लोगों को भी जोड़ना चाहिए । समिति को जल के उपयोग पर नजर रखनी चाहिए और समय समय पर इसकी समीक्षा करनी चाहिए ।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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