Census 2027: पहली बार होगी डिजिटल जनगणना, जानें कितना आएगा खर्च

Published : Dec 12, 2025, 05:23 PM IST
Census 2027

सार

First Digital Census 2027 Details: केंद्र सरकार ने 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर दिया है। पहली बार देश में पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें डेटा मोबाइल ऐप्स के जरिए रियल-टाइम में जमा किया जाएगा।  

DID YOU KNOW ?
16 साल बाद होगी जनगणना
भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है। आखिरी बार 2011 में जनगणना की गई थी। 2021 में कोविड-19 की वजह से नहीं हो पाई। अब 2027 में होने जा रही है।

India Census 2027 Budget: केंद्र सरकार ने 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपए का बड़ा बजट मंजूर कर दिया है। यह फैसला इसलिए खास है, क्योंकि 2011 के बाद देश में पहली बार जनगणना होगी। 2021 की जनगणना कोविड-19 की वजह से रुक गई थी, इसलिए अब 2027 में एक नए और पूरी तरह डिजिटल तरीके से जनगणना की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना सिर्फ रिकॉर्ड रखने का काम नहीं है, बल्कि यह देश की योजनाओं और नीतियों को तय करने का सबसे अहम आधार है।

2011 के बाद अब 2027 में होगी अगली जनगणना

भारत में जनगणना 150 साल से भी ज्यादा समय से हो रही है और यह देश के लिए एक बहुत जरूरी प्रक्रिया है। पिछली जनगणना 2011 में हुई थी और 2021 वाली जनगणना कोरोना महामारी के कारण टाल दी गई थी। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि अगली जनगणना 1 मार्च 2027 की आधी रात को तय डेटा के आधार पर होगी। यह आजादी के बाद आठवीं और भारत की कुल 16वीं जनगणना होगी।

जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी

जनगणना को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में घरों की गिनती और उनकी स्थिति की जानकारी जुटाई जाएगी। राज्य सरकारें अपनी सुविधा के अनुसार 30 दिनों का समय तय करेंगी। दूसरे चरण में फरवरी 2027 में देश की जनसंख्या की गिनती होगी। हालांकि, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों, हिमाचल और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में यह काम सितंबर 2026 में ही कर लिया जाएगा, क्योंकि यहां सर्दियों में काम करना मुश्किल होता है।

पहली बार डिजिटल तरीके से होगी पूरी जनगणना

2027 की जनगणना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह डिजिटल होगी। इस बार डेटा मोबाइल ऐप के जरिए लिया जाएगा, जिसे एन्यूमरेटर अपने फोन में इस्तेमाल करेंगे। सारी जानकारी रियल टाइम में एक खास सिस्टम पर अपडेट होती जाएगी, जिससे गलती की गुंजाइश कम हो जाएगी और काम बहुत तेज हो जाएगा। लोगों को खुद ऑनलाइन फॉर्म भरने का विकल्प भी मिलेगा, जिससे जनगणना और आसान हो जाएगी। इसके लिए एक नया वेब मैप टूल भी बनाया गया है जो घरों की लोकेशन को सटीक तरीके से रिकॉर्ड करेगा।

जाति आधारित डेटा भी पहली बार डिजिटल फॉर्म में शामिल होगा

यह भी एक बड़ा बदलाव है कि 2027 की जनगणना में जाति की जानकारी भी जुटाई जाएगी। सरकार ने पहले ही इसकी मंजूरी दे दी है। आजादी के बाद पहली बार किसी जनगणना में जाति का डेटा इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में दर्ज किया जाएगा। इससे समाज से जुड़ी कई नीतियों और योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी और यह समझना आसान होगा कि देश की सामाजिक संरचना में क्या बदलाव आ रहे हैं।

पूरे देश में बड़ा जागरूकता अभियान चलेगा

जनगणना में लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी होती है, इसलिए सरकार देशभर में एक बड़ा अभियान चलाएगी, ताकि हर व्यक्ति को पता चल सके कि जनगणना कब हो रही है और इसके लिए उन्हें क्या करना है। गांवों, कस्बों, शहरों हर जगह ऐसी गतिविधियां की जाएंगी जिससे लोग सही जानकारी दे सकें और किसी को कोई परेशानी न हो। सरकार की कोशिश है कि इस बार हर घर तक पहुंच आसान और सुचारू तरीके से हो।

30 लाख लोग जनगणना में काम करेंगे

यह दुनिया के सबसे बड़े फील्ड ऑपरेशन में से एक होगा। लगभग 30 लाख लोग जनगणना के अलग-अलग कामों में जुटेंगे। इनमें ज्यादातर सरकारी स्कूलों के शिक्षक होंगे, जिन्हें इस काम के लिए मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा 18,600 तकनीकी कर्मचारियों की एक बड़ी टीम भी 550 दिनों तक डेटा संभालने, सिस्टम चलाने और ऑनलाइन मॉनिटरिंग का काम करेगी। इस पूरी प्रक्रिया से लगभग 1.02 करोड़ रोजगार दिवस तैयार होंगे, जिससे कई लोगों को भविष्य के लिए बेहतर कौशल भी मिलेगा।

 

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