राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो गया है। इससे पहले 6 घंटे तक चली चर्चा में गृहमंत्री अमित शाह एक-एक करके सबका तर्कपूर्ण जवाब दिया। इस दौरान शाह ने कहा कि इस बिल से करोड़ों लोगों का भला होगा।
नई दिल्ली. संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े, जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। बता दें कि लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।
मुस्लिमों को फिक्र करने की जरूरत नहीं :
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी में खासी कमी आई है। शाह ने कहा कि विधेयक में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
बंगाल समेत पूरे देश में लागू होगा :
शाह ने इस विधेयक के मकसदों को लेकर वोट बैंक की राजनीति के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए देश को आश्वस्त किया कि यह प्रस्तावित कानून बंगाल सहित पूरे देश में लागू होगा। उन्होंने इस विधेयक के संविधान विरूद्ध होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संसद को इस प्रकार का कानून बनाने का अधिकार स्वयं संविधान में दिया गया है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह प्रस्तावित कानून न्यायालय में न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा।
मोदी ने दी देशवासियों को बधाई :
नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को बधाई दी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भारत में भाईचारे के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। इस बिल से पड़ोसी देशों से प्रताड़ित होकर आए लोगों को राहत मिलेगी।
सोनिया गांधी ने बताया काला दिन :
कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से सोनिया गांधी का बयान जारी किया, जिसमें आज के दिन को भारतीय संविधान के इतिहास का काला दिन करार दिया गया। बयान में कहा गया कि ''आज भारत के संवैधानिक इतिहास में काला दिन है। नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है''।
सिलेक्ट कमेटी में नहीं भेजा जाएगा प्रस्ताव :
इससे पहले नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा से सिलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव पेश किया गया। जिसके लिए वोटिंग की मांग की गई। इस दौरान पक्ष में 99 और विरोध में 124 वोट पड़े। जबकि एक सांसद अनुपस्थित रहे, जिसके कारण विपक्ष का प्रस्ताव गिर गया।
टीएमसी का प्रस्ताव भी खारिज :
टीएमसी समेत अन्य दलों के 14 प्रस्तावों को शामिल करने के लिए वोटिंग कराई गई। इस दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन के प्रस्ताव के समर्थन में 96 वोट और विरोध में 116 वोट पड़े, जिसके बाद टीएमसी का प्रस्ताव खारिज हो गया।
देश को बचाने के लिए सत्ता में आई मोदी सरकार :
बिल पर 6 घंटे तक लगातार चर्चा होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता का सुख भोगने के लिए नहीं आई है। मोदी सरकार देश को संभालने के लिए आई है। राउत पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए लोग कैसे-कैसे रंग बदलते हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना रातोंरात विरोध में क्यों आ गई। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार को न सही, महाराष्ट्र की जनता को जवाब दें।
क्यों जल रहे पूर्वोत्तर के राज्य :
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने भूटान, श्रीलंका और नेपाल को इसमें क्यों नहीं शामिल किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य क्यों जल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिमों पर भी जुर्म होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार गरीबी और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बिल लाती है।
आपके हेडमास्टर हैं हम
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि लोकतंत्र में अलग आवाजें होती हैं। ये कहा जा रहा है कि जो इस बिल के साथ नहीं है वो देशद्रोही है, जो साथ है वही देशभक्त है। ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो पाकिस्तान को खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं। संजय राउत ने कहा कि अगर वहां हमारे भाइयों पर जुल्म हो रहा है, तो आप मजबूत हैं उनका साथ दीजिए। हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, हम कितने कठोर हिंदू हैं, जिस स्कूल में आप पढ़ते हो हम वहां के हेडमास्टर हैं। शिवसेना सांसद ने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है। जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा। अगर इन्हें 20-25 साल वोटिंग का हक नहीं मिलता है तो बैलेंस रहेगा।
जिन्ना की कब्र पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा बिल : टीएमसी सांसद
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "मैंने पढ़ा है कि पीएम ने कहा कि ये स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा, मैं आपको बताता हूं कि ये कहां लिखा जाएगा। ये राष्ट्रपिता की कब्र पर लिखा जाएगा, लेकिन किस देश के राष्ट्रपिता की कब्र के ऊपर? ये कराची में जिन्ना की कब्र पर लिखा जाएगा।"
यदि पास हुआ बिल तो कोर्ट में गिरेगा : चिदंबरम
पी. चिदंबरम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल 2019 आर्टिकल 14 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, जिसमें समानता का अधिकार शामिल है। इसमें जो कानूनी कमियां हैं, उसका जवाब कौन देगा और जिम्मेदारी कौन लेगा। अगर कानून मंत्रालय ने इस बिल की सलाह दी है तो गृह मंत्री को कागज रखने चाहिए, जिसने भी इस बिल की सलाह दी है उसे संसद में लाना चाहिए। आपने तीन देशों को ही क्यों चुना, बाकी को क्यों छोड़ा? आपने 6 धर्मों को ही क्यों चुना?
सरकार संविधान की उड़ा रही धज्जियां : सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार इस देश का भविष्य खराब कर रही है। हमें 2014 से मालूम है कि आपका लक्ष्य क्या है। कभी एनआरसी, कभी आर्टिकल 370, कभी नागरिकता संशोधन विधेयक। आपका लक्ष्य हम अच्छी तरह समझते हैं। आप देश के संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। आपको लगता है कि हम या देश का मुसलमान आपसे डरता है, लेकिन ऐसा नहीं है। हम डरते हैं तो देश के संविधान से।
क्या है नागरिकता संसोधन बिल ?
नागरिकता संसोधन बिल 2019 के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन के साथ अवैध घुसपैठियों जैसा व्यवहार नहीं होगा, बल्कि उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी।