ज्ञानवापी मस्जिद पर बोले योगी आदित्यनाथ- त्रिशूल मस्जिद के अंदर कैसे, मुस्लिम समुदाय को रखना चाहिए यह प्रस्ताव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद (Gyanvapi Masjid) कहेंगे तो विवाद होगा। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखा। मुस्लिम समुदाय को आगे आकर प्रस्ताव रखना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम बयान दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो विवाद होगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "अगर हम उसको मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। जिसको भगवान ने दृष्टि दी है वह देखें। त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखा। ज्योतिर्लिंग और देव प्रतिमाएं हैं। दीवारें चीख-चीखकर क्या कह रहीं हैं। मुझे लगता है कि मुस्लिम समुदाय को आगे आकर प्रस्ताव रखना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है। उसका समाधान किया जाना चाहिए।"

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का मामला

योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को लेकर बयान तब दिया है जब इसके अंदर सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर 24 जुलाई को आर्कियोलॉजी संस्था ASI के 30 वैज्ञानिकों ने सर्वे शुरू कर दिया था। इस बीच मुस्लिम पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन तक सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा। हाईकोर्ट में यह मामला चल रहा है। हाईकोर्ट द्वारा भी तत्काल सर्वे किए जाने पर रोक लगाई गई है।

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क्या है ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद?

5 अगस्त, 2021 को महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में याचिका लगाई थी। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजा करने की अनुमति मांगी थी। इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने की गुहार लगाई थी। याचिका पर कोर्ट ने सर्वे करने की अनुमति दी थी। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है। वजूखाने से पानी निकाला गया तो उसमें शिवलिंग मिला। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया है। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच कराने की अर्जी लगाई थी। सुप्रीम ने वजूखाने और शिवलिंग की जांच पर रोक लगाई है।

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