महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बाद बनी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की आज अग्नि परीक्षा है। विधानसभा में उद्धव सरकार का आज दोपहर 2 बजे बहुमत परीक्षण है। इससे पहले गठबंधन में उप मुख्यमंत्री को लेकर फंसा पेंच भी हल हो गया है।
मुंबई. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार ने बहुमत परीक्षण पास कर लिया। सरकार के समर्थन में 169 मत पड़े। हालांकि गठबंधन के चार विधायक उपस्थित नहीं हुए। उधर, भाजपा ने फ्लोर टेस्ट का बहिष्कार कर दिया। सभी विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में वॉकआउट कर दिया। भाजपा प्रोटेम स्पीकर बदलने को लेकर विरोध कर रही है। फडणवीस ने शपथ ग्रहण में नेताओं द्वारा पार्टी के नेताओं का नाम लेने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, संविधान को ताक पर रखकर सदन चलाया जा रहा है। इसलिए हमने बहिष्कार का फैसला किया है।
इससे पहले विधानसभा में उद्धव सरकार का आज दोपहर 2 बजे बहुमत परीक्षण होना था। सदन की कार्यवाई शुरू होने से पहले ही विधानसभा में हंगामा हो गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल का परिचय कराया। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर सवाल उठाए। फडणवीस ने कहा, सत्र बिना वंदे मातरम शुरू हुआ, यह नियमों का उल्लंघन है।
एनसीपी को डिप्टी सीएम पद मिला
इससे पहले गठबंधन में उप मुख्यमंत्री को लेकर फंसा पेंच भी हल हो गया है। एनसीपी के नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि डिप्टी सीएम पद एनसीपी को मिलेगा। उधर, डिप्टी सीएम पद मांग रही कांग्रेस को स्पीकर पद दिया गया है।
दिलीप-वाल्से होंगे प्रोटेम स्पीकर
'महा विकास अघाड़ी' ने अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है। इससे पहले गठबंधन ने एनसीपी के वरिष्ठ नेता दिलीप वाल्से को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। इस फैसले पर भाजपा से सवाल उठाया है। भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, उन्होंने कालीदास कोलम्बकर को बदलकर दिलीप वाल्से पाटिल को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है, यह कानूनी तौर पर गलत है। नियमों के मुताबिक शपथ भी नहीं ली गई। नई सरकार सभी नियमों का उल्लंघन कर रही है। हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
भाजपा ने स्पीकर पद पर किशन कठोरे को उम्मीदवार बनाया
कांग्रेस ने भाजपा से पार्टी में शामिल हुए नाना पटोले को स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। उधर, भाजपा ने किशन कठोरे को प्रत्याशी बनाया।
26 नवंबर को भी बुलाया गया था विशेष सत्र
26 नवंबर को भी महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 287 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधान सभा का विशेष सत्र बुलाया था। जिसमें भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालिदास कोलंबकर को प्रो-टेम स्पीकर नियुक्त किया था।
बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष को बहुमत के लिए 145 विधायकों का होना जरूरी है। बता दें कि शिवसेना के पास 56 विधायक, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सभी विधायकों की संख्या को मिला दिया जाए तो कुल 154 होते हैं, यानी बहुमत से 9 ज्यादा। हालांकि शिवसेना दावा कर रही है कि बहुमत के आंकड़े से वो कहीं ज्यादा है।