कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा का निधन, 20 दिसंबर को मनाया था 93वां जन्मदिन; गांधी परिवार के करीबी थे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा का निधन हो गया। वोरा का रविवार को 93वां जन्मदिन था। उन्हें खराब सेहत के चलते कल रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां उनका निधन हो गया।

Asianet News Hindi | Published : Dec 21, 2020 9:59 AM IST / Updated: Dec 21 2020, 05:21 PM IST

नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा का निधन हो गया। वोरा का रविवार को 93वां जन्मदिन था। उन्हें खराब सेहत के चलते कल रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां उनका निधन हो गया। मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री रहे। साथ ही वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। 

मोती लाल वोरा को गांधी परिवार का करीबी भी माना जाता है। वे 18 साल तक (2000-2018) तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रहे। वोरा के बाद अहमद पटेल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने थे। उनका इसी साल 25 नवंबर को निधन हो गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोती लाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया। राहुल ने ट्वीट किया, वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। 


राजस्थान में हुआ था जन्म
मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था। मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।  

मोतीलाल का राजनीतिक करियर
मोतीलाल वोरा 1968 में राजनीति के क्षेत्र में उभरकर सामने आए। उन्होंने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता। वे 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे।

13 फरवरी 1985 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 13 फरवरी 1988 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाला। अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। वे 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे।

नेशनल हेराल्ड केस में चर्चा में रहे
22 मार्च 2002 को वोरा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बनाए गए थे। नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की संपत्ति विवाद के चलते वोरा भी चर्चा में रहे। फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है। 

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