भारत की स्थिति दूसरे देशों की तुलना में बेहतर, कोरोना के ग्रोथ फैक्टर में आई 40 फीसदी की कमी

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, लॉकडाउन से पहले कोरोना मामलों की डबलिंग रेट लगभग 3 दिन लग रहे थे, पिछले 7 दिनों के आंकड़ों के अनुसार मामलों को डबलिंग रेट अब 6.2 दिनों की है। 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तो डबलिंग रेट देश की डबलिंग रेट से भी कम है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 17, 2020 11:21 AM IST / Updated: Apr 17 2020, 07:08 PM IST

नई दिल्ली. देश में कोरोना के कुल 13,387 केस सामने आ चुके हैं। 1749 लोग ठीक हो चुकी है। पिछले 24 घंटे की बात की जाए तो एक दिन में 1007 नए मामले सामने आए हैं, 23 नई मौंत भी हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, लॉकडाउन से पहले कोरोना मामलों की डबलिंग रेट लगभग 3 दिन लग रहे थे, पिछले 7 दिनों के आंकड़ों के अनुसार मामलों को डबलिंग रेट अब 6.2 दिनों की है। 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तो डबलिंग रेट देश की डबलिंग रेट से भी कम है।

19 राज्यों में डबलिंग रेट कम

लव अग्रवला ने बताया, जिन 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डबलिंग रेट देश की डबलिंग से कम है उसमें, केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, लद्दाख, पुड्डुचेरी, दिल्ली, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, यूपी, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम और त्रिपुरा शामिल हैं। 

दूसरे देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर

लव अग्रवाल ने कहा, भारत की स्थिति दूसरे देशों की तुलना में बेहतर है। भारत पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ काम कर रहा है। कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन जल्द से जल्द बन जाए।

लॉकडाउन से कोरोना ग्रोथ फैक्टर में 40% की गिरावट

लव अग्रवाल ने कहा, लॉकडाउन की वजह से ग्रोथ फैक्टर में भी 40% की गिरावट आई है। 80% मरीज ठीक हो रहे हैं। कोविड के लिए अलग से अस्पताल बनाए जा रहे हैं। कोविड के लिए अलग से 1919 अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें 1.73 लाख आइसोलेशन बेड और 21800 आईसीयू बेड हैं।

इम्यून बूस्टिंग वैक्सीन पर काम जारी

लव अग्रवाल ने बताया, परीक्षण, जांच और इलाज सबके लिए जरूरी उपकरणों के घरेलू उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। नई किट से 30 मिनट में कोरोना टेस्ट का रिजल्ट मिलेगा। इम्यून बूस्टिंग वैक्सीन पर भी काम चल रहा है। इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में देश के पारंपरिक ज्ञान का भी उपयोग हो रहा है। प्रभावी दवाइयों पर भी काम करने की रणनीति बन रही है।

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