दिल्ली और जम्मू के एक बड़े अस्पताल बत्रा में दो अलग-अलग घटनाओं में शनिवार को 12 मरीजों की मौत हो गई। दोनों ही मामलों में ऑक्सीजन की कमी बताई जाती है। दिल्ली के अस्पताल में मरने वालों में एक डॉक्टर भी है। वहीं, जम्मू के बत्रा अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद उनके परिजनों ने जबर्दस्त हंगाम किया। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने मौतों की असली वजह छुपाई। बता दें कि दिल्ली में अब तक 11,49,333 केस सामने चुके हैं, जिनमें से 16,147 की मौत हो गई। वहीं, जम्मू में अब तक 1,76,083 मरीज मिले, जिनसे में से 2,283 की मौत हो गई।
नई दिल्ली/जम्मू. देश के बड़े अस्पताल नई दिल्ली और जम्मू के बत्रा अस्पताल में अलग-अलग घटनाओं में 16 मरीजों की मौत हो गई। दोनों में वजह ऑक्सीजन की कमी बताई जाती है। दिल्ली के अस्पताल में 12 मरने वालों में एक डॉक्टर भी है। वहीं, जम्मू के बत्रा अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद उनके परिजनों ने जबर्दस्त हंगाम किया। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने मौत की असली वजह छुपाई। बता दें कि दिल्ली में अब तक 11,49,333 केस सामने चुके हैं, जिनमें से 16,147 की मौत हो गई। वहीं, जम्मू में अब तक 1,76,083 मरीज मिले, जिनसे में से 2,283 की मौत हो गई।
दिल्ली के बत्रा अस्पताल में एक डॉक्टर की भी मौत
बत्रा अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उसके यहां भर्ती 12 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई। कहा यह भी गया कि उसके यहां भर्ती 300 मरीजों की जिंदगी खतरे में है। इस संबंध में अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी। अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट को बताया कि वे दिल्ली सरकार से गुहार लगा रहे थे कि कुछ ही घंटे की ऑक्सीजन बची है। लेकिन प्रबंध नहीं किया गया। अस्पताल प्रबंधन हर 10 मिनट में संबंधित अधिकारियों को अपडेट दे रहा था। इसके चलते दोपहर 12.45 से 1.30 बजे के बीच मरीजों की मौत हो गई। बत्रा अस्पताल के डॉ. एससीएल गुप्ता ने बताया कि मरने वाले मरीजों में इसी अस्पताल के गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर आरके हिमथानी भी शामिल हैं।
जम्मू के बत्रा अस्पताल में 4 मरीजों की मौत के बाद हंगामा
जम्मू स्थित बत्रा अस्पताल में कोरोना के साथ कुछ सामान्य मरीजों का भी इलाज चल रहा था। शनिवार तड़के अस्पताल की ऑक्सीजन बाधित हुई और 4 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके बाद गुस्साए लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले पर काबू पाया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कुछ देर के लिए ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित हुई थी, लेकिन उसे तुरंत दूर कर लिया गया था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
स्थिति चिंताजनक
इस संबंध में मेदांता अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार कहते हैं- देश में COVID19 के 4 लाख से ज़्यादा नए मामले रिपोर्ट हुए। अगर देश में रोज 4 लाख केस आएंगे और अगर उनमें 5% भी गंभीर मरीज़ हुए, तो उन्हें अस्पताल में बेड कैसे मिलेगा? ये सोच कर भी भयानक स्थिति नज़र आती है।
दिल्ली के जयपुर गोल्डेन अस्पताल में बीते दिनों 20 मरीजों की गई थी जान
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से बीते दिनों जयपुर गोल्डने अस्पताल में भी बीस मरीजों की मौत हो गई थी। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई। समय से उनको ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिल सका था।