हम 22 लोग एक साथ पॉजिटिव निकले थे, ऐसे में घबराहट होना लाजिमी थी, फिर भी हार नहीं मानी

Published : Jun 21, 2021, 07:00 AM IST
हम 22 लोग एक साथ पॉजिटिव निकले थे, ऐसे में घबराहट होना लाजिमी थी, फिर भी हार नहीं मानी

सार

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने बेशक भारत को हिलाकर रख दिया, लेकिन पहली लहर का खौफ भी कुछ कम नहीं था। जिन पर पहली लहर का असर हुआ, वे दूसरी लहर में ज्यादा सतर्क रहे। दूसरे लोगों को भी संक्रमण से बचने के तौर-तरीके बताते रहे।  

भोपाल. कोरोना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। भले ही दूसरी लहर का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका ने अधिक सतर्कता बरतने का इशारा कर दिया है। अभी भी चारों तरफ लोग परेशान हैं। यह एक खतरनाक बीमारी साबित हुई है, इसलिए हमें डरना भी चाहिए। हालांकि थोड़ी सी सावधानी रखकर हम इस संक्रमण से बच सकते हैं। 

Asianet news के लिए अमिताभ बुधौलिया ने भोपाल के रहने वाले प्रोफेशनल 45 वर्षीय गोविंद शर्मा से बातचीत की, जो पिछले साल संक्रमित हुए थे। जब इस साल कोरोना की दूसरी लहर आई, तो वे सजग थे। यही नहीं दूसरों को भी संक्रमण से बचने के तौर-तरीके बताते रहे।

पॉजिटिव रहिए, तो जंग जीत जाएंगे
काम करते समय यदि किसी तरह संक्रमित हो भी जाएं, तो डरने की जरूरत नहीं है।  हिम्मत रखें और पॉजिटिव सोचें तो आसानी से कोरोना को मात दे सकते हैं।  मैं ऐसे संस्थान में काम करता था, जहां संक्रमित होने का पूरा खतरा था। हुआ भी यही। हमें मिलाकर संस्था के करीब 22 लोग एक साथ पॉजिटिव आ गए। गनीमत ये रही कि पत्नी सविता शर्मा और तीन बेटियां संक्रमित होने से बच गईं। ये हुआ मेरी सावधानी के कारण। 

संक्रमण के बाद इसका ध्यान रखा
संक्रमण होने पर मैं पहले ही अलग कमरे में रहने लगा था। ड्यूटी से आकर पूरा सामान सैनिटाइज करने के बाद नहाता था। इन सारी सावधनियों के कारण परिवार बच गया। हम संक्रमित हुए तो 12  जुलाई, 2020 को अस्पताल में जाकर भर्ती हो गए। दो-तीन दिन रिपोर्ट आने तक तो हम डरे हुए थे, लेकिन जैसे ही डॉक्टर ने बताया कि एक को छोड़कर किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं हैं, तो राहत की सांस ली। 

स्वस्थ्य रहने के लिए योग किया
संक्रमण के बाद मैंने सभी साथियों को प्रोत्साहित करने का काम शुरू किया। लोगों को रूटीन दिनचर्या अपनाने के साथ योग प्राणायाम कराया। खाने की पूरी डाइट लेने के लिए समझाया। इसके अलावा मैंने एक दिन भजन गाया तो लोगों को बहुत पसंद आया। इसके बाद तो वार्ड का माहौल ऐसा हो गया कि रोज शाम को भजन गाकर लोगों के मन में ऊर्जा का संचार करने लगा। 10 दिन कैसे कट गए पता ही नहीं चला। सभी स्वस्थ होकर 22 जुलाई को घर पहुंचे। घर पर भी क्वारंटाइन पीरिएड पूरा करने के बाद फिर ऑफिस पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया। भागवान की दया से आज हम परिवार के साथ स्वस्थ हैं और बेहतर जिंदगी जी रहे हैं।

दूसरी लहर को लेकर सतर्क था
इस साल जब दूसरी लहर आई, तो मैं पहले से ही सतर्क था। कोरोना गाइड लाइन का पूरा पालन किया। मास्क पहना, दो गज की दूरी पर ध्यान रखा। सैनिटाइज को भी नजरअंदाज नहीं किया। कोरोना बेशक खतरनाक बीमार है, लेकिन अगर आप सतर्क रहे, तो इससे बचा जा सकता है। मैं हमेशा लोगों को अपने अनुभव शेयर करता रहा हूं, ताकि कोई दूसरा इसकी चपेट में न आए।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोड़ेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

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