आदेश में कहा गया है कि ठेकों में अधिकतम भुगतान एकमुश्त आधार पर दिए गए ठेकों के मूल्य के 70 प्रतिशत तक सीमित होगा। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी ठेके में मजदूरी प्रमुख घटक है। उन्होंने कहा कि इसलिए श्रमिकों को 100 प्रतिशत वेतन देने के लिए, इसे कुल ठेका मूल्य का 70 प्रतिशत रखा गया है।
नई दिल्ली. रेलवे ने अपने लाखों संविदा कर्मचारियों को भारी राहत देते हुए फैसला किया है कि 31 मार्च तक यात्री सेवाएं स्थगित रहने के बावजूद उन्हें पूरा वेतन देगी।
कर्मचारियों को काम पर माना जाएगा
रेलवे ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा है कि देश में कोरोना वायरस के कारण पैदा स्थिति और ट्रेन सेवाएं स्थगित होने के कारण विभिन्न कार्यों में लगे कई संविदा कर्मचारी फंस गए हैं और उन्हें अन्य स्थानों पर रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा है। आदेश के अनुसार, ऐसे कर्मियों की मुश्किलों को कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने तय किया है कि ट्रेनों, स्टेशनों और कार्यालयों में कार्यरत निजी प्रतिष्ठानों (अस्थायी, संविदा, आउटसोर्स सहित) के कर्मचारियों को काम पर माना जाएगा और उसके अनुसार भुगतान किया जाएगा।
रेलवे ने सभी जोनों को कहा- किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की जाए
आदेश में कहा गया है कि ठेकों में अधिकतम भुगतान एकमुश्त आधार पर दिए गए ठेकों के मूल्य के 70 प्रतिशत तक सीमित होगा। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी ठेके में मजदूरी प्रमुख घटक है। उन्होंने कहा कि इसलिए श्रमिकों को 100 प्रतिशत वेतन देने के लिए, इसे कुल ठेका मूल्य का 70 प्रतिशत रखा गया है। रेलवे बोर्ड ने विभिन्न ज़ोनों को यह सुनिश्चित करने की भी कहा है कि सेवाएं स्थगित रहने के कारण कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाए और बताए गए तरीके से भुगतान किया जाए।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)