रोहिन मोदी के वकील अमित देसाई ने दलील दी कि चित्रकारियों को अपराध के जरिये अर्जित धन नहीं माना जा सकता है और उनके मुवक्किल मामले में आरोपी नहीं हैं। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील अनिल सिंह और हितेन वेनेगांवकर ने इस याचिका का विरोध किया और दलील दी कि रोहिन मोदी, नीरव मोदी और उसकी पत्नी ट्रस्ट के लाभार्थी हैं।
मुंबई. बम्बई उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के घर से जब्त की गई कुछ दुर्लभ चित्रकारियों की नीलामी की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
नीलामी शुक्रवार को होनी है
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ ने व्यवसायी के बेटे रोहिन मोदी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की। याचिका में दावा किया गया कि चित्रकारियों पर रोहिन ट्रस्ट का मालिकाना हक है, जिनके वह एक लाभार्थी है और इसके मालिक नीरव मोदी नहीं है।
ईडी ने इन पेंटिंग को कुर्क किया था
रोहिन मोदी के वकील अमित देसाई ने दलील दी कि चित्रकारियों को अपराध के जरिये अर्जित धन नहीं माना जा सकता है और उनके मुवक्किल मामले में आरोपी नहीं हैं। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील अनिल सिंह और हितेन वेनेगांवकर ने इस याचिका का विरोध किया और दलील दी कि रोहिन मोदी, नीरव मोदी और उसकी पत्नी ट्रस्ट के लाभार्थी हैं। उन्होंने दलील दी कि मार्च 2019 में ईडी ने इन पेंटिंग को कुर्क किया था और नीलामी के लिए विज्ञापन जनवरी 2020 में जारी किया गया था।
पंद्रह चित्रकारियों के अलावा, हीरे की कई घड़ियाँ, हर्मेस हैंडबैग और रॉल्स रॉयस घोस्ट और पोर्श पनामेरा एस जैसी लक्जरी कारों की नीलामी की जाएगी।
(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)