दिल्ली HC ने कहा - सरकार विशेषज्ञों से पता करे कि बूस्टर डोज की जरूरत है या नहीं, हम अगली लहर नहीं चाहते

देश में लोगों को बूस्टर डोज (Booster dose) लगेगी या नहीं, इस पर सरकार अभी स्पष्ट नहीं है। कई लोगों ने इस संबध में कोर्ट (Court) में याचिकाएं लगाई हैं। गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC)में इस संबंध में सुनवाई हुई।  
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2021 2:40 PM IST

नई दिल्ली। देश में वैक्सीन (Vaccine) की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज (Booster dose) देने को लेकर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) में सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह बूस्टर डोज पर अपना रुख स्पष्ट करे क्योंकि, हम अगली लहर जैसी स्थिति नहीं चाहते। मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने इससे पहले बच्चों के टीकाकरण पर भी सरकार का रुख स्पष्ट करने को कहा है। इस पर केंद्र सरकार के वकील अनुराग अहलूवालिया ने बताया कि यह मुद्दा पहले से ही चीफ जस्टिस की अदालत में लंबित है। वहां केंद्र ने हलफनामा दायर कर बताया है कि बच्चों के टीकाकरण को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और ट्रायल जारी है। पीठ ने कहा- इसे यहां भी रखें। 

विशेषज्ञों की राय लें, अर्थशास्त्र की जरूरत नहीं है 
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि एक ओर पश्चिमी देश बूस्टर डोज देने की बात कर रहे हैं, वहीं भारतीय विशेषज्ञों (Indian Specialists) का मानना ​​है कि बूस्टर डोज के संबंध में कोई सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि हमें विशेषज्ञों से जानने की जरूरत है। यह अर्थशास्त्र पर आधारित नहीं होना चाहिए। यह एक महंगा प्रस्ताव है, लेकिन हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते हैं जिसमें हम अत्यधिक रूढ़िवादी बने रहें और हम ऐसी स्थिति का सामना करें, जैसी हमने दूसरी लहर में की थी। हम अनुकूल मौके से हाथ धो सकते हैं। 

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हाईकोर्ट के सवाल, कठघरे में सरकार  
- हम विशेषज्ञ नहीं हैं। लेकिन ऐसा कैसे है कि पश्चिमी देश बूस्टर डोज लगाने की बात कर रहे हैं और हम उन्हें भी इसकी अनुमति नहीं दे रहे, जो दोनों डोज लगवाने के बाद बूस्टर डोज लगवाना चाहते हैं। 
- टीका ले चुके व्यक्तियों में एंटीबॉडी का स्तर कुछ समय बाद कम हो जाता है, जो अधिक आयु वालों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को चिंतित कर रहा है। 
- आईसीएमआर (ICMR) क्या कह रहा है, उनका क्या रुख है? यदि नहीं, तो कुछ आधार होना चाहिए। 
- आवश्यक है, तो आगे का रास्ता क्या है? जो टीके एक्पायर होने वाले हैं क्या वे बूस्टर डोज के तौर पर नहीं दिए जा सकते? 

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