श्री पीजावर मठ के श्री विश्वेश तृतीयथा स्वामीजी ने उडुपी में कहा कि भारत में आतंकवाद बढ़ने के पीछे राष्ट्रीय पशु बाघ है। उन्होंने कहा कि बाघ और आतंकवादियों की विशेषता एक ही होती है। हमने बाघ को अपना राष्ट्रीय पशु मानकर गलती की। उन्होंने सुझाव दिया कि गाय को राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाना चाहिए।
उडुपी (कर्नाटक). श्री पीजावर मठ के श्री विश्वेश तृतीयथा स्वामीजी ने उडुपी में कहा कि भारत में आतंकवाद बढ़ने के पीछे राष्ट्रीय पशु बाघ है। उन्होंने कहा कि बाघ और आतंकवादियों की विशेषता एक ही होती है। हमने बाघ को अपना राष्ट्रीय पशु मानकर गलती की। उन्होंने सुझाव दिया कि गाय को राष्ट्रीय पशु के रूप में अपनाना चाहिए।
बाबा रामदेव भी थे मौजूद
- संतों की मंडली में बाबा रामदेव भी मौजूद थे। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मांसाहारी भोजन ग्लोबल वार्मिंग का कारण बना है। उन्होंने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले कड़े कानूनों की आवश्यकता पर जोर दिया।
- उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को कम से कम गोमांस खाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक नागरिक समान रूप से व्यवहार करने का हकदार है। उन्होंने सुझाव दिया कि हिंदू संतों को मुसलमानों और ईसाइयों के नेताओं के साथ बातचीत करने की जरूरत है।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पेरय्या श्री पलिमार मठ के श्री विद्यादेष्ठी सिद्धांत ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद अगला कदम पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को एकीकृत करने पर होना चाहिए।