निर्भया के दरिंदों को मौत देने की तैयारी शुरू, सबसे पहले किया गया ये काम

निर्भया केस के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। उससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों को लिखित में सूचना दी और पूछा कि आखिरी बार वे अपने परिवार से कब मिलना चाहते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 9:36 AM IST / Updated: Feb 22 2020, 03:08 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया केस के चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। उससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों को लिखित में सूचना दी और पूछा कि आखिरी बार वे अपने परिवार से कब मिलना चाहते हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट निकाला। इससे पहले 22 जनवरी और 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी, लेकिन दोषियों की याचिका के बार उसे रद्द कर दिया गया।

क्या 3 मार्च को फांसी होगी?
फांसी देने के लिए तैयारियां तो पूरी हो रही हैं, लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या 3 मार्च को फांसी होगी। दरअसल फांसी देने की संभावना कम ही है। इसके पीछे वजह है कि दोषी पवन के पास दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन का विकल्प बचा है। अभी उसने दया याचिका नहीं लगाई है। अगर राष्ट्रपति दया याचिका खारिज भी कर देते हैं तो भी उसे 14 दिन का वक्त देना होगा। उसके बाद ही फांसी दी जा सकती है।

सिजोफ्रेनिया बीमारी का भी फंस सकता हैं पेंच
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में कहा था कि दोषी विनय सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से पीड़िता है। वह अपने मां को भी नहीं पहचान रहा है। ऐसे में उसे फांसी नहीं दी जा सकती है। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है, तभी उसे फांसी दी जा सकती है।
 
16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया से गैंगरेप हुआ था
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई। 

Share this article
click me!