Deep Dive With Abhinav Khare: वह शांति दूत जिसने सभी मुस्लिमों से की थी आतंकवादी बनने की अपील

Published : Sep 13, 2019, 06:13 PM ISTUpdated : Nov 18, 2019, 04:09 PM IST
Deep Dive With Abhinav Khare: वह शांति दूत जिसने सभी मुस्लिमों से की थी आतंकवादी बनने की अपील

सार

जाकिर नाईक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग, नफरत भरे भाषण और मुस्लिमों को आतंकवाद के लिए प्रेरित करने के आरोप लगे हैं। मलेशिया में भी नाईक को कई जगहों पर भाषण देने से रोक दिया गया है। इनमें मेलका, जोहोर,सेलंगर, पेनांग, केदाह, पर्लिस और सरवक शहर शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथीर मोहम्मद से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनो नेताओं के बीच कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें जाकिर नाईक को भारत लाना भी शामिल था। जाकिर नाईक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग, नफरत भरे भाषण और मुस्लिमों को आतंकवाद के लिए प्रेरित करने के आरोप लगे हैं। मलेशिया में भी नाईक को कई जगहों पर भाषण देने से रोक दिया गया है। इनमें मेलका, जोहोर,सेलंगर, पेनांग, केदाह, पर्लिस और सरवक शहर शामिल हैं। 

Abhinav Khare

जाकिर नाईक ने साल 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की और 2014 तक इसका कारोबार 1.7 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका था। इसके बाद जाकिर नाईक ने 1.56 मिलियन डॉलर की लागत से अपना टीवी चैनल पीस टीवी (शांति टीवी) की शुरुआत की। पीस टीवी दुबई,सऊदी अरब और भारत में भी बैन के बावजूद प्रसारित होता है।  2006 हमले के आतंकियों में एक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का लाइब्रेरियन भी था। खासकर फिरोज देशमुख के आतंकियों के साथ अच्छें संबंध होने की खबरें भी आई थी। 

Deep Dive With Abhinav Khare

जाकिर नाईक के कारनामों का काला चिट्ठा यहीं नहीं खत्म होता। नाईक ने फेसबुक में अपने एक वक्तव्य में कहा था कि सभी मुस्लिमों को आतंकवादी होना चाहिए। जुलाई 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमले में पकड़े गए एक आतंकी ने कहा था कि पीस टीवी से ही उसे आतंकवादी बनने की सीख मिली है, जिसके बाद पीस टीवी को भारत सहित कई देशों में बैन कर दिया गया। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाईक को शांति दूत कहकर इसे राजनीतिक विषय भी बना दिया था। जिसके बाद यासीन मलिक भी जाकिर नाईक के समर्थन में सामने आया था। और नाईक के खिलाफ चल रहे कैंपेन को अनावश्यक और घटिया करार दिया था।   

मलेशियन प्रधानमंत्री ने यह स्वीकार किया है कि वो जाकिर नाईक को भारत में प्रत्यर्पित नहीं कर  सकते क्योंकि जाकिर नाईक ने यह दावा किया है कि भारत में उसे उसके धर्म की वजह से न्याय नहीं मिल पाएगा। जबकि इसके पीछे असली वजह यह है कि वो मलेशियन मुस्लिमों को नाराज नहीं करना चाहते।   

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विद अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के 100 से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सफल डेली शो कर चुके हैं।

अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA) भी किया है।
 

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