दीपावली के बाद से एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब हवा की गुणवत्ता का स्तर सांस लेने लायक हो। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और। पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ?
नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) की हवा बेहद खराब (Air Pollution) हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ तात्कालिक कदम उठाए हैं लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगले पांच दिनों तक राहत मिलने की कोई खास उम्मीद नहीं है। दिवाली के बाद से ही यहां की हवा बेहद खराब हो चुकी है। सांस लेना दूभर हो चुका है। SAFAR-India की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को राजधानी की हवा गुणवत्ता यानी एक्यूआई 386 थी। यह बेहद खराब कैटेगरी माना जाता है। शहर की सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम है।
दीपावली के बाद सांस लेना हुआ दूभर
दीपावली के बाद से एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब हवा की गुणवत्ता का स्तर सांस लेने लायक हो। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शनिवार को दिल्ली की एक्यूआई (AQI) 437 प्वाइंट पर यानी गंभीर श्रेणी में रहा। शुक्रवार को सूचकांक 471 अंक पर था। हालांकि, रविवार को हवा की क्वालिटी में थोड़ा सुधार देखने को मिला। आंकड़ों के अनुसार रविवार को एक्यूआई 386 प्वाइंट रहा। वैसे इसे बेहद खराब श्रेणी ही माना जाएगा लेकिन पूर्व से कुछ सुधार की ओर है।
दिल्ली के स्कूल बंद, कंस्ट्रक्शन पर रोक, वर्क फ्रॉम होम शुरू
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सरकारें प्रदूषण को लेकर जाग रही हैं। कोर्ट के सख्त रवैया अपनाने के बाद शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (PCCB) की सलाह के बाद सरकारी और निजी दफ्तरों को वाहनों का इस्तेमाल 30 फीसदी तक कम करने का भी आदेश दिया है। दिल्ली सरकार ने दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कराने का भी आदेश जारी किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के सभी स्कूल अगले एक हफ्ते के लिए बंद रहेंगे। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी भी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर से 17 नवंबर के बीच कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है।
प्रदूषण को लेकर कोर्ट हुआ था बेहद नाराज
दुनिया की सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली (Delhi) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शनिवार को नाराजगी जताई थी। बढ़े हुए प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो टूक कहा कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है और अगले 2 से 3 दिनों में यह और कम हो जाएगी। आपातकालीन निर्णय लें। हम बाद में दीर्घकालिक समाधान देखेंगे। 15 नवम्बर को कोर्ट फिर से सुनवाई करेगा और इस बीच उठाए गए कदम के बारे में जानकारी देना होगा।
किसानों को कोसना एक फैशन बन गया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से हो रही दिक्कतों को देखते हुए याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है चाहे वह दिल्ली सरकार हो या कोई और। पटाखों पर बैन था, उसका क्या हुआ?
दिल्ली सरकार के लापरवाह रवैया पर कोर्ट ने पूछा कि आपने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूल खोल दिए हैं और अब बच्चे प्रदूषण के संपर्क में हैं। यह केंद्र का नहीं बल्कि आपका अधिकार क्षेत्र है। उस मोर्चे पर क्या हो रहा है?
केंद्र को कोर्ट का निर्देश राजनीति से परे देखें इस मुद्दे को
केंद्र से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको इस मुद्दे को राजनीति और सरकार से परे देखना होगा। कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे दो-तीन दिन में हम बेहतर महसूस करें।
दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर दिल्ली
दरअसल, दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दिल्ली सबसे आगे है। दस टॉप शहरों में मुंबई और कोलकाता भी शामिल है। स्विट्जरलैंड की क्लाइमेट ग्रुप IQAir ने एक नई सूची जारी की है। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम में टेक्नोलॉजी पार्टनर है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दिए तत्काल कुछ करने की सलाह
दिल्ली में आज हवा का गुणवत्ता स्तर (AQI) 476 है। यह बेहद गंभीर श्रेणी की स्थितियां हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने शुक्रवार को ही चेतावनी दी थी कि अगले 48 घंटों के लिए हवा की क्वालिटी गंभीर बनी हुई है। राज्यों और स्थानीय निकायों को आपातकालीन उपायों को लागू करना चाहिए, जिसमें स्कूलों को बंद करना, निजी कारों पर 'ऑड-ईवन' प्रतिबंध लगाना और सभी तरह के कंस्ट्रक्शन को रोकना शामिल है।
यूपी के पांच शहरों का AQI 400 से ज्यादा
बुलंदशहर, हापुड़, नोएडा, मेरठ और गाजियाबाद में भी हवा काफी प्रदूषित है। इन पांच शहरों में AQI 400 से ज्यादा है। बुलंदशहर में AQI का स्तर 444 है। पीएम10 का स्तर 568 और पीएम 2.5 का स्तर 417 है। लखनऊ की भी हवा प्रदूषित है। यहां AQI 187 है, पीएम10 का स्तर 187 और पीएम 2.5 का स्तर 125 है।
प्रदूषण से हो रहे फेफड़े खराब
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो दिल्ली की हवा में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले PM2.5 (धूल के बेहद महीन कण) का स्तर शुक्रवार को आधी रात के करीब 300 का आंकड़ा पार कर गया। यह शाम 4 बजे 381 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था। हवा के सुरक्षित होने के लिए PM2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। अभी यह करीब 6 गुना अधिक है। PM2.5 इतना छोटा होता है कि यह फेफड़ों के कैंसर और सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
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