दिल्ली में पॉल्युशन: BJP ने शेयर किए भगवंत मान के इलाके में जलती पराली के वीडियो, AAP सरकार ने लिए ये फैसले

भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (IARI) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में खेत में आग लगने यानी परानी जलाने की घटनाएं में एक दिन पहले के मुकाबले 2,817 से तेजी से घटकर 599 रह गई हैं।

नई दिल्ली. दिल्ली-NCR में पॉल्युशन(Pollution in Delhi-NCR) का मुद्दा राजनीति का कारण भी बना हुआ है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज(7 नवंबर)  को फिर से एक हाईलेवल मीटिंग की अध्यक्षता की। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार इसमें वायु गुणवत्ता पैनल(air quality panel) के नए निर्देशों और प्राइमरी स्कूलों को फिर से खोलने और 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द करने के निर्णय पर भी चर्चा हुई। वहीं, नोएडा में 9 नवंबर से स्कूल फिर खुलने जा रहे हैं। सोमवार सुबह दिल्ली में एयर क्वालिटी एंडेक्स(AQI) ओवरऑल 326 दर्ज की गई। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

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बैठक बाद गोपाल राय ने कहा
दिल्ली सरकार ने सोमवार को प्राथमिक कक्षाओं को 9 नवंबर से फिर से खोलने और शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द करने का फैसला किया है।  एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है और खेतों में आग भी कम हुई है। उन्होंने कहा, "इसलिए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश के अनुपालन में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण 4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया गया है।"

मंत्री ने कहा, "प्राइमरी स्कूल 9 नवंबर से फिर से खुलेंगे और 50 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के आदेश को रद्द किया जा रहा है।" दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो दिनों में वायु प्रदूषण में सुधार के बाद, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अंतिम चरण के तहत रविवार को अधिकारियों को क्षेत्र में गैर-बीएस VI डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने और राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया। प्रतिबंधों की सिफारिश करने वाला सीएक्यूएम आदेश गुरुवार को जारी किया गया था।

उच्च प्रदूषण के स्तर ने दिल्ली सरकार को शुक्रवार को अतिरिक्त उपायों की घोषणा करने के लिए बाध्य किया था, जिसमें शनिवार से प्राइमरी स्कूलों को बंद करना और अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए घर से काम करना शामिल था। दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को 447 से बढ़कर शनिवार को 381 और रविवार को 339 हो गया, जिसका मुख्य कारण अनुकूल हवा की गति और पराली जलाने के योगदान में गिरावट है।

यह भी जानिए

दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्तर में रविवार को मामूली सुधार होकर ‘बेहद खराब’ कैटेगरी से नीचे चला गया। इसके बाद केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने तीन दिन पहले लगाए गए नए प्रतिबंधों को हटा लिया। हालांकि, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRP) के फेज-1 से 3 के तहत प्रतिबंध जारी रहेंगे। यह योजना प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण रोधी उपायों(anti-air pollution measures) का एक समूह है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस VI डीजल से चलने वाले हल्के मोटर व्हीकल्स और अंतिम चरण (फेज-4) के तहत लगाए गए राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया।

हालांकि एक्सपर्ट ने चेताया कि "बिना विचार किए तुरंत (knee jerk reactions) प्रतिबंधों को रद्द करना जल्दबाजी में लिया गया निर्णय साबित हो सकता है। पर्यावरणविद विमलेन्दु झा ने कहा कि प्रतिबंधों को रद्द करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि हवा की अनुकूल गति के कारण हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है और कुछ दिनों में यह गंभीर श्रेणी में वापस आ जाएगी।

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यह रहा बीते दिन प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार रविवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजे 339 था, जो एक दिन पहले 381 था। शुक्रवार को यह 447 था। यह गुरुवार को 450 पर पहुंच गया था, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी से एक पायदान कम था। इसके बाद अधिकारियों को गैर-बीएस VI डीजल हल्के मोटर वाहनों पर प्रतिबंध सहित प्रदूषण-विरोधी प्रतिबंधों के अंतिम चरण को लागू करने के लिए बाध्य कर दिया था। खतरनाक प्रदूषण के स्तर ने दिल्ली सरकार को शुक्रवार(4 नवंबर) को यह प्राइमरी स्कूल शनिवार से बंद करने और सरकारी दफ्तरों के 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का आदेश निकालना पड़ा था। जबकि निजी कार्यालयों से भी ऐसा ही करने का अनुरोध किया गया था।

पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी
भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (IARI) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में खेत में आग लगने यानी परानी जलाने की घटनाएं में एक दिन पहले के मुकाबले 2,817 से तेजी से घटकर 599 रह गई हैं।  सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी शनिवार को 21 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई है। 

बता दें कि PM2.5 महीन कण होते हैं, जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वसन पथ(respiratory tract) में अंदर तक जा सकते हैं। ये फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं और रक्तप्रवाह(bloodstream) में प्रवेश कर सकते हैं।

भाजपा नेता ने शेयर किए पंजाब में पराली जलाने के वीडियो
इस बीच भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने पंजाब में पराली जलाने के वीडियो शेयर किए हैं। उन्होंने लिखा-ये वीडियो आज सुबह के है और ये उस संगरूर से हैं, जहां से खुद पंजाब के मुख्यमंत्री @BhagwantMann जी आते हैं । पंजाब आज इसलिए जल रहा हैं, क्यूंकि 
@ArvindKejriwal  और  @BhagwantMann इनके बायो डिकंपोज़र के पैसे खा गया और किसान पराली जलाने पर मजबूर हैं।

pic.twitter.com/oFfC5VaC6l

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