एक तरफ दिल्ली एक-एक बेड के लिए तरस रही लेकिन दूसरी तरफ राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से 1725 बेड का आलीशान अस्पताल तीन साल से शुरू होने का इंतजार कर रहा है। अगर यह अस्पताल शुरू हो जाए तो हजारों लोगों का जीवन बचाने का काम इस कोविड काल में हो सकता है।
नई दिल्ली। एक तरफ दिल्ली एक-एक बेड के लिए तरस रही लेकिन दूसरी तरफ राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से 1725 बेड का आलीशान अस्पताल तीन साल से शुरू होने का इंतजार कर रहा है। अगर यह अस्पताल शुरू हो जाए तो हजारों लोगों का जीवन बचाने का काम इस कोविड काल में हो सकता है।
करीब 25 साल पहले इस अस्पताल को प्लान किया गया
करीब 25 साल पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा ने द्वारका में एक अत्याधुनिक सुविधाओं वाले अस्पताल की प्लानिंग की थी। तत्कालीन सीएम साहिब सिंह वर्मा ने जमीन लेकर इस अस्पताल का निर्माण शुरू करा दिया। जब अस्पताल बनने लगा तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसका नामकरण किया। श्रीमती दीक्षित ने इस अस्पताल का नाम इंदिरा गांधी अस्पताल रखा।
तीन साल से बनकर तैयार है अस्पताल
1725 बेड वाला इंदिरा गांधी अस्पताल तीन साल से बनकर तैयार है। इस अस्पताल में अब मेडिकल सर्विसेस की शुरूआत होनी है लेकिन दिल्ली की सरकार ने तीन साल से तैयार इस अस्पताल के लिए एक रुपये तक खर्च नहीं किए।
अगर इसको कोविड केयर के लिए इस्तेमाल किया जाए...
जानकारों का मानना है कि 1725 बेड वाले इस अस्पताल का इस्तेमाल अगर कोविड मरीजों के लिए किया जाए तो दिल्ली के हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है। सैकड़ों लोग रोज बेड और अन्य सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं। यह अस्पताल इन लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
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