पर्यावरण संरक्षक सुंदरलाल बहुगुणा को मिले ‘भारत रत्न’, दिल्ली विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास

Published : Jul 29, 2021, 06:01 PM ISTUpdated : Jul 29, 2021, 06:02 PM IST
पर्यावरण संरक्षक सुंदरलाल बहुगुणा को मिले ‘भारत रत्न’, दिल्ली विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास

सार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर  दिया गया है। चिपको आंदोलन के नेता बहुगुणा का निधन कोविड की दूसरी लहर में हो गया था।

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने पर्यावरण विद् व चिपको आंदोलन के अगुवा सुदंरलाल बहुगुणा (Sunderlal Bahuguna) को भारत रत्न देने की सिफारिश की है। दिल्ली विधानसभा में सर्वसम्म्मति से पर्यावरण संरक्षण के संत बहुगुणा को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने के लिए प्रस्ताव पारित किया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न की सिफारिश दिल्ली सरकार ने करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब केंद्र सरकार भी इस दिशा में कदम उठाते हुए आवश्यक कार्रवाई करे।

पहाड़ी क्षेत्र को हराभरा रखने के लिए चलाया था चिपको आंदोलन

उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में जन्मे सुंदरलाल बहुगुणा देश के जाने माने पर्यावरण कार्यकर्ता रहे हैं। श्री बहुगुणा सत्तर के दशक में चिपको आंदोलन (Chipko Movement) के नेता था। हिमालय क्षेत्र के वनों की विकास के नाम पर अंधाधुंध कटाई के खिलाफ आवाज उठाने वाले बहुगुणा ने पहाड़ी लोगों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया। जब कोई सरकारी अधिकारी अपने लोगों को लेकर पेड़ों की कटाई के लिए पहुंचता था तो काफी संख्या में लोग एक-एक पेड़ से चिपक कर खड़े हो जाते थे। ऐसे में पेड़ काटना मुमकिन नहीं होता था। एक इंटरव्यू में बहुगुणा ने बताया था कि यह आइडिया उनकी पत्नी ने दिया था। उन्होंने टिहरी बांध प्रोजेक्ट के विरोध में भी आंदोलन चलाया था। गांधीवादी विचारधारा को मानने वाले बहुगुणा को देश चिपको आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण के लिए याद रखता है। उनका निधन कोविड की दूसरी लहर के दौरान 21 मई 2021 को हुआ था। 

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