हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारी संख्या में वकील मौजूद थे। सुनवाई के दौरान अफरातफरी और शोरगुल हुआ। वकीलों ने कहा कि इस पूरे मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाई जाए। शोरगुल के बाद चीफ जस्टिस उठकर अंदर चले गए। कोर्ट में पुलिस की दलील पर वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाए हैं।
नई दिल्ली. तीस हजारी कोर्ट में हुए पुलिस वकील विवाद मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वकीलों ने खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं सोमवार को साकेत कोर्ट के सामने पुलिस की पिटाई करने के मामले पर भी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी नहीं दी। कोर्ट ने गृह मंत्रालय की अर्जी भी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि 3 नवंबर का आदेश पूरी तरह से स्पष्ट है। दो पुलिसवालों का निलंबन जारी रहेगा। गृह मंत्रालय ने तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर स्पष्टता मांगी थी।
कोर्ट में भारी संख्या में मौजूद थे वकील
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारी संख्या में वकील मौजूद थे। सुनवाई के दौरान अफरातफरी और शोरगुल हुआ। वकीलों ने कहा कि इस पूरे मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाई जाए। शोरगुल के बाद चीफ जस्टिस उठकर अंदर चले गए। कोर्ट में पुलिस की दलील पर वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाए हैं।
पुलिस ने पावर का गलत इस्तेमाल किया
हाईकोर्ट में बार काउंसिल की ओर से कहा गया है कि पुलिस को यह बताना होगा कि गोली चलाने वाले पुलिस के खिलाफ क्या करवाई की गई है। उन्होंने साकेत कोर्ट के बाहर पुलिस से पिटाई के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने सेक्शन 392 के तहत मामला दर्ज किया, पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है। यह पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे है।