
PIL for changing India to Bharat: भारत बनाम इंडिया (India vs Bharat) की बहस एक बार फिर गर्मा गई है। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 1 (Article 1 of Constitution of India) में संशोधन किया जाए ताकि इंडिया को भारत या हिंदुस्तान नाम कर दिया जाए। याचिकाकर्ता ने अपील की है कि 'India that is Bharat' को बदलकर 'Bharat/Hindustan as a Union of States' किया जाए।
यह याचिका 'नमः ट्रस्ट' (Namaha Trust) द्वारा दायर की गई है। इस याचिका में केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि India एक औपनिवेशिक नाम है और यह देश की संस्कृति और परंपराओं को सही ढंग से परिभाषित नहीं करता। इसलिए इसे बदलकर भारत या हिंदुस्तान किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2020 में इसी तरह की एक याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि इस मांग को एक प्रतिनिधित्व (representation) के रूप में देखा जाए।
हाईकोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता (Justice Sachin Datta) की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। केंद्र सरकार के वकील ने समय मांगा ताकि वे इस मुद्दे पर उचित निर्देश प्राप्त कर सकें। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई 12 मार्च 2025 को तय की है।
G20 समिट (G20 Summit 2023) के दौरान, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के आधिकारिक निमंत्रण में 'President of India' की जगह 'President of Bharat' लिखा गया था। इस कदम के बाद, देश के नाम परिवर्तन को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी।
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