IAS Aspirants deaths: आरोपियों ने कहा-यह दैवीय घटना, MCD की लापरवाही जिम्मेदार

Published : Aug 10, 2024, 03:23 PM ISTUpdated : Aug 10, 2024, 11:42 PM IST
rau's ias student death

सार

दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद, आरोपी कोचिंग संचालकों ने इसे 'दैवीय घटना' बताया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह वाकई एक दुर्घटना थी या लापरवाही का नतीजा?

Delhi IAS coaching Death case: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्रनगर के एक बिल्डिंग के बेसमेंट में चल रहे कोचिंग सेंटर में पानी भरने से तीन प्रतियोगियों की मौत के बाद कुकुरमुत्ते की तरह उग आए शिक्षा व्यवसायियों पर लगाम कसने की मांग शुरू हो गई है। शनिवार को दिल्ली कोर्ट में आरोपी कोचिंग सेंटर के चारों मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा कि बेसमेंट में हुई मौत एक्ट ऑफ गॉड यानी दैवीय घटना है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सिविक बॉडी ने अपनी ड्यूटी सही से की होती तो यह मौतें नहीं हुई होती। इसमें कोचिंग सेंटर प्रबंधन का कोई दोष नहीं है।

राऊ आईएएस स्टडी सर्किल के चारों मालिकों की ओर से पेश वकील अमित चड्ढा ने जिला एवं सत्र न्यायालय में कहा कि यह दैवीय घटना है लेकिन इसे रोका जा सकता था, अगर नागरिक प्रशासन की एजेंसियों ने अपना काम सही से किया होता। नागरिक सुविधाओं के लिए जिम्मेदार एजेंसियों ने अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाई जिसका नतीजा यह घटना है।

आरोपियों के वकील अमित चड्ढा ने कहा कि उनके क्लाइंट्स ने कभी भी कानून से बचने की कोशिश नहीं की बल्कि स्वेच्छा से पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उन लोगों को अरेस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या उनपर लागू नहीं होता न ही बीएनएस की धारा 106 ही लागू होता जिससे यह लिंक हो सके कि मौत लापरवाही की वजह से हुई। यह कैसे कोई कह सकता है कि कोई यह सोचकर संपत्ति लेगा कि वह बेसमेंट का निर्माण कराएगा और बारिश होगी तो मौत का अपराधी बनेगा। उन्होंने इस दावे को खारिज किया कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। कोर्ट अब 12 अगस्त को अगली सुनवाई करेगी।

बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट्स की हुई थी मौत

दिल्ली के ओल्ड राजिंदनगर में स्थित राऊ आईएएस स्टडी सर्किल की बिल्डिंग के बेसमेंट में 27 जुलाई को पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। यूपी के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल के एर्नाकुलम की नेविन डेल्विन (24) की मौत के बाद पूरे देश में कोचिंग सेंटर्स की मनमानियों के खिलाफ सवाल उठने शुरू हो गए थे।

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