फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षक की नौकरी पाने के मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG VK Saxena) ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG VK Saxena) ने फिर से अरविंद केजरीवाल की सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। उन्होंने फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल कर भर्ती हुए सात शिक्षकों के मामले की जांच के आदेश सीबीआई को दिए हैं।
फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आने पर सातों शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। एलजी ऑफिस ने कहा, "डायरेक्टर ऑफ विजिलेंस (DoV) के प्रपोजल पर LG सहमत हुए हैं। प्रथम दृष्टया शिक्षा निदेशालय और दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन (डीटीईए) के अधिकारियों के बीच मिलीभगत पाई गई है। इनके द्वारा 2022 में 51 उम्मीदवारों को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था।"
शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी की मिली थी शिकायत
एलजी ऑफिस ने बताया कि शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद जांच की गई तो अनियमितता पाई गई। DoV मामले को दिल्ली से मुख्य सचिव के पास ले गई। मुख्य सचिव ने जिन स्कूलों द्वारा अनुभव प्रमाणपत्र दिए गए थे उनका भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर पाई थी नौकरी
एलजी ऑफिस ने कहा, "जांच के दौरान पाया गया कि TGT और PGT पदों पर भर्ती हुए सात शिक्षकों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिया था। शिक्षक की नौकरी पाने में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र ने महत्वपूर्ण रोल निभाया। हर साल के अनुभव के लिए उम्मीदवार को एक एक्ट्रा मार्क मिला। इसके आधार पर एलजी ने DoV को इस मामले में CBI के साथ मिलकर आपराधिक केस फाइल करने का अनुमति दी है।"
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स्कूल प्रशासन को करना था दस्तावेजों की जांच
बता दें कि शिक्षा विभाग के नियम और शर्तों के अनुसार जिन उम्मीदवारों का चुनाव जॉब के लिए हो रहा हो उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच स्कूल प्रशासन द्वारा किया जाना आवश्यक था। हालांकि स्कूल प्रशासन उम्मीदवारों द्वारा दिए गए अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच करने में विफल रहा। इससे पहले एलजी ने केजरीवाल सरकार की नई आबकारी नीति मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। आप सांसद संजय सिंह को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है।
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