हमलावरों को पता था किन कमरों में जाना है, किसे मारना है...पुलिस ने JNU हिंसा की पूरी कहानी बताई

Published : Jan 10, 2020, 04:32 PM ISTUpdated : Jan 10, 2020, 05:27 PM IST
हमलावरों को पता था किन कमरों में जाना है, किसे मारना है...पुलिस ने JNU हिंसा  की पूरी कहानी बताई

सार

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को मारपीट हुई थी। दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के दौरान छात्रों को डराया गया। 3 जनवरी को विरोध शुरू हुआ, उसी दिन सर्वर बंद कर दिया गया।  

नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 5 जनवरी को हुई मारपीट की जांच कर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया इस मामले में कुल 3 केस दर्ज किए गए हैं। विवाद की शुरुआत रजिस्ट्रेशन को लेकर हुई। कई छात्र रजिस्ट्रेशन करा रहे थे, लेकिन 4 छात्र संगठन AISF, AISA, SFI और DSF इसके विरोध में थे। इनका ही 3 जनवरी को सर्वर बंद करने से लेकर 5 जनवरी को मारपीट करने तक में मुख्य भूमिका थी। इस मामले में पुलिस ने आईशी घोष सहित 9 लोगों के नामों का खुलासा किया है। अभी तक किसी भी छात्र को हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी।

रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे ये 4 छात्र संगठन

पुलिस ने बताया, जेएनयू प्रशासन ने 1-5 जनवरी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का फैसला किया। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन, स्टूडेंट्स फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन इसके खिलाफ थे।

3 और 4 जनवरी को क्या हुआ?

पुलिस ने बताया कि रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए 3 जनवरी को सर्वर रूम से छेड़छाड़ की गई। तीन जनवरी को चारों संगठन के छात्र जबरदस्ती सर्वर रूम में घुस गए और कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया। इसके बाद सर्वर को बंद कर दिया। प्रशासन ने सर्वर को किसी तरह से ठीक किया तो फिर से 4 जनवरी को आरोपियों ने सर्वर को बंद कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि 4 जनवरी को सर्वर बंद करने के लिए दोपहर के वक्त आरोपी छात्र पीछे शीशे के दरवाजे से अंदर घुसे। उन्होंने सर्वर को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। इससे पूरा रजिस्ट्रेशन प्रोसेस रुक गया। 

5 जनवरी की सुबह 11 बजे भी हुई मारपीट

पुलिस के मुताबिक, पेरियार और साबरमती हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया गया। 5 जनवरी की सुबह 11 बजे छात्रों के बीच मारपीट की शुरुआत हुई। हमलावरों को पता था कि किस कमरे में जाना है। बाहरी को इतनी जानकारी नहीं हो सकती है। चुन-चुन कर छात्रों के साथ मारपीट की गई। चार छात्र संगठनों ने हमला किया। 

जेएनयूएसयू की अध्यक्ष सहित 9 के नाम
जेएनयू में हिंसा मामले में पुलिस ने जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष सहित 9 लोगों के नाम सामने आए हैं। पुलिस ने इनकी फोटो भी जारी की। पुलिस को यह सारी सूचनाएं यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से मिलीं। इनके नाम 1) चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र), 2)पंकज मिश्रा (माही मांडवी हॉस्टल), 3)आइशी घोष (जेएनयूएसयू अध्यक्ष), 4)भास्कर विजय, 5)सुजेता तालुकदार, 6)प्रिय रंजन, 7)योगेंद्र भारद्वाज (पीएचडी-संस्कृत), 8)विकास पटेल (पीले शर्ट में एमए कोरियन) और 9)सोनल सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है। 

कुल तीन केस दर्ज
पुलिस ने कुल तीन केस दर्ज किए हैं। पहला केस सर्वर को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा रजिस्ट्रेशन का समर्थन कर रहे लोगों से मारपीट और तीसरा हॉस्टल में घुसकर मारपीट करने के मामले में केस दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि सामान्य तौर पर हम जांच पूरी होने के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं लेकिन इस घटना के संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से हमें पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ रहा है।

पुलिस के आरोप के बाद आईशी घोष ने क्या कहा?

पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा, दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। लेकिन मेरे पास भी सबूत है। मुझ पर किसने हमला किया। उन्होंने कहा, हमने मांग की कि जेएनयू के वीसी को तत्काल उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह यूनिवर्सिटी नहीं चला पा रहे हैं। हमें एक वीसी की जरूरत है जो नए सिरे से मदद कर सके और कैंपस में सामान्य स्थिति लाने में मदद कर सके।

जेएनयू में क्या हुआ था?
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार 5 जनवरी की शाम 4 बजे कुछ नकाबपोश हॉस्टल में घुस आए। उनके पास रॉड और डंडे थे। आरोप है कि उन्होंने जेएनयू छात्रों को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद चुपचाप वहां से निकल गए। इसके बाद वहां पुलिस पहुंची। घायल छात्र-छात्राओं को एम्स में भर्ती कराया गया।

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