Delhi Police की कार्रवाई से गुस्से में डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवाओं को किया बंद

नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई ने तूल पकड़ लिया है। डॉक्टरों ने सभी स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2021 9:07 PM IST

नई दिल्ली। नीट पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling) में देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा की गई कार्रवाई ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार शाम डॉक्टरों ने सभी स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने की घोषणा की, जिसके बाद से देर रात तक राजधानी के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवा तक प्रभावित रही। 

सोमवार सुबह 10 बजे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में जमा हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। आईटीओ स्थित शहीद पार्क के पास हजारों की संख्या में जुटे डॉक्टरों को दिल्ली पुलिस ने रोका तो वे धरने पर बैठ गए थे। बाद में दिल्ली पुलिस ने बल प्रयोग किया और डॉक्टरों को हिरासत में लेकर राजेंद्र नगर थाना ले गई फिर बाद में छोड़ दिया। 

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डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की है। धरने पर बैठे डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की गई। महिला डॉक्टरों के साथ भी मारपीट की गई। फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि कई पुलिसकर्मियों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की। उन्हें थप्पड़ मारे गए, जिससे कुछ के कपड़े फट गए। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ डॉक्टरों ने पूरी तरह से शट डाउन का फैसला लिया है। 

नहीं चलने देंगे अस्पताल
सोमवार देर शाम जब पुलिस ने डॉक्टरों को हिरासत से छोड़ा तो डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। इसके बाद राजधानी के अलग अलग अस्पतालों से एकत्रित होकर हजारों की संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। अस्पताल परिसर में देर रात तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा। देर रात सफदरजंग अस्पताल में चली बैठक के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने फैसला लिया कि मंगलवार सुबह से राजधानी के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं चलने देंगे। सभी अस्पतालों की ओपडी में ताला लगाया जाएगा और इमरजेंसी में भी ड्यूटी नहीं देंगे। 

राहुल और प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन और उनके खिलाफ पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा कि फूल बरसाना दिखावे का पीआर था, असलियत में अन्याय बरसा रहे हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं डॉक्टरों के साथ हूं।

 

वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी को नींद से जगाए। डॉक्टरों को झूठा पीआर नहीं, सम्मान व हक चाहिए।

 

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